आकाश आनंद और मायावती के राजनीतिक रिश्तों में बदलाव

आकाश आनंद की माफी से पिघला मायावती का दिल

पार्टी में आकाश आनंद को दुबारा मिला काम करने का मौका

‘आकाश आनंद’ की पार्टी में दुबारा वापसी से एक बार फिर गरमाई बसपा की राजनीति

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ। भतीजे आकाश आनंद की सार्वजनिक माफी पर बसपा सुप्रीमो मायावती का दिल आखिरकार पिघल गया है। ‘आकाश आनंद’ ने अपने लंबी-चौड़ी सोशल मीडिया पोस्ट में स्वयं को पूरी तरह मायावती की राजनीतिक शिष्य बताते हुए क्षमा याचना की थी और पार्टी के लिए जीवन समर्पित करने की बात कही थी। इसके जवाब में मायावती ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सिलसिलेवार पोस्ट कर न केवल माफी को स्वीकार किया, बल्कि पार्टी में दोबारा सक्रिय भूमिका देने की भी घोषणा की।

‘माफी’ मिली किंतु अभी घोषित नहीं होंगे उत्तराधिकारी
आकाश आनंद को भले ही पार्टी में दूसरा मौका दिया जा रहा है, लेकिन मायावती ने स्पष्ट किया कि अभी पार्टी का कोई उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया जाएगा। यह फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि मायावती के स्वास्थ्य की चर्चाओं और राजनीतिक उत्तराधिकारी को लेकर अटकलें लगातार चल रही थीं। परंतु उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक वे स्वस्थ हैं, पार्टी और मूवमेंट के लिए तन-मन से कार्य करती रहेंगी।

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आकाश आनंद ने कहा-रिश्तेदारों से नहीं लूंगा सलाह
‘आकाश आनंद’ ने अपनी पोस्ट में बहनजी मायावती को न केवल राजनीतिक आदर्श बताया, बल्कि भविष्य में किसी भी रिश्तेदार या बाहरी सलाहकार की बातों में न आने की बात कही। उन्होंने यह भी लिखा कि वह अब केवल बहनजी के निर्देशों का पालन करेंगे और सीनियर नेताओं का सम्मान करेंगे। यह संकेत है कि बसपा के आंतरिक मतभेदों को सुलझाने की कोशिशें चल रही हैं, जिसमें अब आकाश की भूमिका फिर से स्थापित की जा रही है।

अशोक सिद्धार्थ को नहीं मिली राहत
हालांकि इस पूरे प्रकरण में मायावती का रुख आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ के लिए बेहद सख्त बना रहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अशोक की गलतियां अक्षम्य हैं और उन्होंने गुटबाजी कर पार्टी विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। मायावती ने लिखा कि उन्होंने आकाश के राजनीतिक करियर को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, इसलिए उन्हें माफ करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।

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मायावती ने किया ट्वीटः कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा घोषित
‘आकाश आनंद’ के बहाने पार्टी में नेतृत्व को लेकर उठते सवालों पर भी मायावती ने विराम लगाने की कोशिश की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, जब तक मैं स्वस्थ हूँ, तब तक पार्टी का नेतृत्व खुद करूंगी। मेरे रहते उत्तराधिकारी की कोई बात नहीं है। यह ऐलान पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संदेश देने के साथ-साथ यह भी स्पष्ट करता है कि बसपा में अभी पूरी तरह एकाधिकार बना रहेगा।

‘सीनियरों का सम्मान’ बना आकाश आनंद का मंत्र
मायावती द्वारा सार्वजनिक रूप से माफी स्वीकार किए जाने के बाद ‘आकाश आनंद’ ने भी फिर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा कि वह पार्टी के सीनियर नेताओं से सीखने और उनका सम्मान करने का वादा करते हैं। यह रवैया दर्शाता है कि वह अब अपने पूर्व व्यवहार और सोशल मीडिया टिप्पणियों से सबक लेकर अधिक गंभीर भूमिका निभाने को तैयार हैं।

बसपा कार्यकर्ताओं में मिला-जुला रिएक्शन
आकाश आनंद की वापसी को लेकर ठैच् कार्यकर्ताओं में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखी जा रही है। कुछ इसे नई ऊर्जा के रूप में देख रहे हैं, तो कुछ इसे पुराने मतभेदों की पुनरावृत्ति मान रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आकाश को दूसरा मौका मिलना पार्टी की बड़ी सोच को दर्शाता है, लेकिन उन्हें अब पहले से ज्यादा जिम्मेदारी से काम करना होगा।

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आकाश आनंद

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