स्मार्ट मीटर का खत्म हुआ टेंडर, आवेदक बिजली विभाग के काट रहे चक्कर


कानपुर। कोरोना काल में जहां उपभोक्ता बिजली की बढ़ी हुई दरों से परेशान हैं तो वहीं मंत्रालय के फैसले से स्मार्ट मीटर आवेदक भी हलाकान हो रहे हैं। ऐसे सभी आवेदक मीटर लगवाने के लिए बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं और स्मार्ट मीटर का टेंडर रद्द होने से विभाग भी संतुष्ट जनक उत्तर नहीं दे पा रहा है। यही नहीं बिजली विभाग के कर्मचारी आवेदकों के घर की लाइट काटने की भी धमकी देने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। विभाग के रवैये को देख यह माना जा रहा है कि कानपुर के करीब 13 हजार आवेदकों को दोबारा आवेदन करना पड़ेगा। 
बिजली विभाग के पुराने मीटरों पर तमाम प्रकार की समस्याओं को देखते हुए मंत्रालय ने स्मार्ट मीटर लगाने का निर्णय लिया। इसके लिए आवेदन भी मांगे गये और उत्तर प्रदेश से करीब चार लाख आवेदन स्मार्ट मीटर के लिए आये। स्मार्ट मीटर के लिए मंत्रालय ने टेंडर भी निकाला और आवेदकों को लगा कि जल्द स्मार्ट मीटर लग जाएंगे। इसी बीच पिछले माह ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने स्मार्ट मीटर के टेंडर को निरस्त कर दिया, जिससे कानपुर के करीब 13 हजार आवेदकों के यहां मीटर नहीं लग पाये। हालांकि ऐसे सभी आवेदकों के घर पर लाइन खिच गयी है और बिजली का उपयोग भी हो रहा है। घरों पर लाइट पहुंचने पर बिजली विभाग के कर्मचारी बिल बनाने का आवदेकों पर दबाब बनाते हैं, पर मीटर न लगने से आवेदक परेशान हो रहे हैं और बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं। चूडी वाली गली के आवेदक परवीन ने बताया कि स्मार्ट मीटर का टेंडर मंत्रालय ने रद्द किया और उसकी सजा आवेदकों को भुगतनी पड़ रही है। बताया कि बिजली विभाग यह भी नहीं बता रहा है कि आवेदकों ने जो रुपया जमा किया था उसी रुपये में दूसरा मीटर लगेगा कि नहीं। विभाग के जिम्मेदार सिर्फ यही कहते हैं कि मीटर लगवाओ और कर्मचारी मीटर न होने पर लाइन काटने की बात करते हैं। ऐसे में एक ही रास्ता बचा है कि फिर से आवेदन कर दोबारा मीटर लेना पड़ेगा। वहीं अधिशाषी अभियंता रजनीश से जब इस पर बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मंत्रालय का निर्णय है, इसमें कुछ कहना उचित नहीं है। 

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