सबको अपनी मर्जी का साथी चुनने का हक : हाईकोर्ट

प्रियंका ने आलिया बन सलामत से की शादी 

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि संविधान सभी को अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है। इस व्यक्तिगत संबंधों में हस्तक्षेप करना, दो बालिग व्यक्तियों के पसंद की स्वतंत्रता के मूल अधिकार का अतिक्रमण होगा।
कोर्ट ने पिता द्वारा पुत्री प्रियंका खरवार उर्फ आलिया के धर्म परिवर्तन कर सलामत अंसारी से शादी करने के विरोध मे अपहरण व पाक्सो एक्ट में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को रद्द कर दिया है। प्राथमिकी कुशीनगर के विष्णुपुरा थाने में दर्ज करायी गयी है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी तथा न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की खंडपीठ ने दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पार्टनर चुनने का अधिकार अलग अलग धर्मों के बावजूद जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मूल अधिकार का हिस्सा है। किसी बालिग जोड़े को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार है। पिता की तरफ से कहा गया था कि  शादी के लिए धर्म परिवर्तन प्रतिबंधित है। ऐसी शादी कानून की नजर मे वैध नहीं है।
कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति की पसंद का तिरस्कार, पसंद की स्वतंत्रता के अधिकार के खिलाफ है। कोर्ट ने कहा कि हम हिन्दू-मुस्लिम नहीं देख रहे हैं, अपितु दो युवा देख रहे हैं। जिन्हें संविधान के अनुच्छेद 21ने अपनी पसंद व इच्छा से किसी व्यक्ति के साथ शांति से रहने की आजादी देता है। इसमे हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है।

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