लाखों ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल करीब दस वर्षों से नसीब नहीं हो रहा

रोहित कुमार गुप्ता

उतरौला बलरामपुर ।
सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल होने पर ग्राम ईटईरामपुर में पचासों लाख रुपए की लागत से बना पेयजल की टंकी व उसके मोटर के गायब रहने से लाखों ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल करीब दस वर्षों से नसीब नहीं हो रहा है। अधिकारी व ग्राम पंचायत प्रधान एक दूसरे पर आरोप लगाकर समस्या से पल्ला क्षाण रहे हैं।
उतरौला तहसील क्षेत्र के सबसे अधिक 92 पुरवो के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शासन ने पचासों लाख रुपए की लागत से पानी की टंकी व बिजली ट्यूबवेल का निर्माण कराकर बिजली मोटर लगाकर पाइप लाइन से घर घर पानी की आपूर्ति की जाने लगी। विवाद उस समय शुरू हुआ जब ट्यूबवेल व पानी की टंकी को ग्राम पंचायत को हस्तांतरित कर दिया गया। इसके हस्तांतरण के बाद टयूबवेल चलाने के लिए टेकनीशियन की तैनाती नहीं हुई। टेकनीशियन की तैनाती न होने से ग्रामीणों को पानी की आपूर्ति बंद हो गई। तभी से ट्यूबवेल बंद पड़ा है। ट्यूबवेल पर कर्मचारी न होने का फायदा उठाते हुए चोर इसके बिजली के मोटर को खोल करके चुरा ले गए।

बिजली मोटर की चोरी होने की जानकारी ग्राम पंचायत को होने के बाद पुलिस में चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई। मामले के दस वर्ष बीतने के बाद इस पानी की टंकी से ग्रामीणों को पेयजल की आपूर्ति नहीं हो सकी। सहायक पंचायत अधिकारी गैडास बुजुर्ग ने बताया कि पानी की टंकी का ट्यूबवेल चलाने के लिए शासन ने गांव में टेक्नीशियन पद सृजित नहीं कर रक्खा है। ग्राम पंचायत को स्थानीय स्तर पर ट्यूबवेल चलाने के लिए टेकनीशियन रखना चाहिए। वहीं ग्राम पंचायत के प्रधान ने बताया कि सरकारी स्तर पर कर्मचारी की तैनाती न होने से ट्यूबवेल बंद होने से ग्रामीणों के घरों तक पानी की आपूर्ति दसों वर्ष से नहीं हो रहा है।

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