लखनऊ : वाहन चालकों की जांच किये वगैर बन रहे ड्राइविंग लाइसेंस

लखनऊ(हि.स.)। आरटीओ कार्यालय में वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कई सुविधाएं मिलने के बावजूद लाइसेंस बनवाने वाले दलालों का राज कायम है। दलालों के माध्यम से धड़ल्ले से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाये जा रहे हैं। इसमें मोटी रकम के बदले वाहन चालक को कोई मशक्कत नहीं उठानी पड़ती है और न ही वाहन चालकों की रफ्तार की जांच होती है और न ही चलाने का तौर तरीके को ही परखा जाता है।

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय के बाहर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का कार्य करने वाले अशोक बाबू बताते हैं कि ये कार्य करते हुए उन्हें 15 वर्ष हो गए। एक लाइसेंस बनवाने का 700 से 12 सौ रुपये तक बचता है। जिसमें विभाग में भी कुछ धनराशि जाती है, बाकि लाइसेंस बनवाने में खर्च होता है।

उन्होंने बताया कि रोजाना सैकड़ों लोग अपनी समस्याओं को लेकर आरटीओ कार्यालय आते हैं। आरटीओ कार्यालय के बाहर मेरे जैसे कई एजेंट उपलब्ध हैं, जो उनसे मिलते हैं। इसमें कुछ की पहचान अच्छी होती है तो उन्हें लोग खोजते भी हैं। अब ड्राइविंग लाइसेंस भी पहले जैसे नहीं होते, सरकार बदली है तो सिस्टम भी बदल गया है। वाटरप्रुफ ड्राइविंग लाइसेंस बन रहे हैं। जिसे पर्स में रखकर आराम से घूम सकते हैं। जो टूटते या टेढ़े नहीं होते हैं।

लखनऊ में ट्रांसपोर्ट नगर की तरह ही देवा रोड पर नया आरटीओ कार्यालय खुला है। जहां पर लाइसेंस बनवाने के लिए एक क्षेत्र में लोगों का आना जाना होता है। इस आरटीओ कार्यालय में अधिकारी के बैठने के समय से पहले ही लाइसेंस पर चर्चा हो जाती है। लाइसेंस के अपलाई करने वाले लोग जब दौड़ कर थक जाते हैं तो दलाल को पकड़ते हैं। जो अक्सर सुबह 10 बजे से पहले आरटीओ कार्यालय बुलाते हैं।

देवा रोड स्थित आरटीओ में छह हजार से लेकर आठ हजार तक रेट पर आराम से ड्राइविंग लाइसेंस बन जाते हैं। जो लर्निंग से शुरु हो कर मूल लाइसेंस तक की प्रक्रिया का हिस्सा होती है। जिसमें वाहन चलाकर दिखाना नहीं पड़ता है, न ही दौड़ लगानी पड़ती है। रुपये देने के बाद लाइसेंस बन जाने पर ही वाहन चालक को बुलाया जाता है, कई बार तो उसके घर तक लाइसेंस पहुंचा दिया जाता है।

– ड्राइविंग लाइसेंस के खेल की होती है जांच

आरटीओ विभाग के अधिकारियों के नाक के नीचे चल रहे ड्राइविंग लाइसेंस के खेल की शिकायतें होने पर कई बार जांच भी होती है। और हर बार जांच में कुछ नहीं निकलता है। कम्प्यूटर ऑपरेटर से लेकर बाबू तक जांच में बड़े आराम से बच जाते हैं।

– सड़क पर बढ़ रही दुर्घटना

आराम से ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाले लोगों की आरे से रफ ड्राइविंग के कारण ही सड़क पर आये दिन होने वाली दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। दो पहिया या चार पहिया वाहनों की रफ्तार पर कोई कंट्रोल नहीं होता है और इसके कारण वाहनों का टकराना व लोगों का चोटिल होना जारी है। कई बार तो वाहन चालक को जान भी गंवानी पड़ती है।

शरद/राजेश

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