रवनीत बिट्टू ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिख दिल्ली पुलिस पर लगाया बदसलूकी का आरोप

नई दिल्ली(हि.स.)। कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने दिल्ली पुलिस के दुर्व्यवहार को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से शिकायत की है। उन्होंने बिरला को एक पत्र लिख कहा है कि बीते सोमवार को संसद भवन के बाहर प्रदर्शनक के दौरान दिल्ली पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की की, जिस कारण उन्हें शारीरिक और मानसिक परेशानी हुई। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की विस्तृत जांच की जानी चाहिए तथा सदन में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाने का मौका मिलना चाहिए।

दरअसल, कृषि विधेयक को लेकर विपक्षी दल सोमवार को संसद भवन परिसर में विजय चौक के पास प्रदर्शन कर रहा थे। इसी दौरान कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों के सांसदों से दिल्ली पुलिस की नोंकझोंक हो गई। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों की दखलंदाजी के बाद मामला शांत हो गया। लेकिन आज मंगलवार को इस मामले को लेकर कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा अध्यक्ष को दिल्ली पुलिस के जवानों द्वारा बदसलूकी करने की शिकायत की गई।

रवनीत बिट्टू का कहना है कि किसान बिल को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच कांग्रेस पार्टी के सदस्य अपना पक्ष रखने को लेकर संसद भवन से राष्ट्रपति भवन की ओर बढ़ रहे थे। इस दौरान तीन अन्य साथी गुरजीत सिंह, संतोख सिंह चौधरी और जसबीर सिंह गिल भी साथ थे, जिनके साथ दिल्ली पुलिस के जवानों ने दुर्व्यवहार किया। उन्होंने कहा, ‘हम कृषि विधेयक के खिलाफ शाम सात बजे के शांतिपूर्ण तरीके से कैंडल मार्च निकाल रहे थे। हमारा मकसद राष्ट्रपति भवन पहुंच कर राष्ट्रपति महोदय मुलाकात करना था।’

कांग्रेस सांसद ने बताया कि उनका मार्च अभी शुरू होकर संसद भवन से बाहर निकला ही था कि दिल्ली पुलिस के सौ से अधिक जवानों ने हमें रोका और फिर धक्का-मुक्की करने लगे, जो बाद में हमले में बदल गया। उन्होंने बताया कि इस हमले में उनके घुटने में चोट आई और अन्य साथियों को पुलिसिया बदसलूकी का शिकार होना पड़ा। उन्होंने इस घटना को साजिश की संज्ञा देते हुए कहा कि हमें डर है कि पुलिस का मकसद हमें मार्च निकालने से रोकना भर नहीं था बल्कि हानि पहुंचाने की मंशा से यह हमला किया गया था। ऐसे में हमारी मांग है कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कराई जाए। साथ ही आगे के दिनों में शून्यकाल में इस मुद्दे को सदन में उठाने की अनुमति भी मिलनी चाहिए।

वहीं, इस पूरे मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए रास्ता खाली कराने की कोशिश कर रहे थे, जो कि निर्धारित समय से पहले संसद से बाहर आ गए थे। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि प्रधानमंत्री के लिए रूट को क्लियर करना हमारे लिए अनिवार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि सांसदों ने विरोध प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी।

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