योगी आदित्यनाथ सरकार एक हजार एकड़ में बनायेगी नव्य अयोध्या
अयोध्या (हि.स.)। रामनगरी में नव्य अयोध्या का क्षेत्रफल बढ़ कर एक हजार एकड़ तक पहुंच गया है। बढ़े क्षेत्रफल में अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित नव्य अयोध्या का क्षेत्रफल भी शामिल है। यह करीब दो सौ एकड़ है। विगत दिनों आवास विकास परिषद को प्रस्तावित भूमि देने की सहमति उच्चस्तरीय बैठक में प्राधिकरण ने दे दी है।
रामनगरी को नयी पहचान देने के लिए आकार ले रही नव्य अयोध्या ने सत्तापक्ष व विपक्ष के उन नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है, जो प्रापर्टी के कारोबार से जुड़े हैं। नव्य अयोध्या के लिए प्रस्तावित माझा क्षेत्र में इनकी भूमि है। नगर निगम क्षेत्र में होने से सर्किल रेट का दोगुना मुआवजा मिलना है। उनकी कोशिश नव्य अयोध्या से अपनी भूमि बचाने की है। आवासीय कॉलोनी के अलावा मुख्यमंत्री को रामनगरी के विकास के लिए दिये गए प्रेजेंटेशन के अनुसार होटल, राज्यों के गेस्ट हाउस व वैदिक रामायण सिटी के लिए भूमि आवास विकास परिषद को उपलब्ध करायी जानी है। उसी के बाद नव्य अयोध्या का क्षेत्रफल नौ सौ से लेकर एक हजार एकड़ तक पहुंचने की संभावना है।
नव्य अयोध्या के लिए भूमि हासिल करने में किसी तरह की अड़चन आवास विकास परिषद के सामने न आने पाये इस लिहाज से माझा तिहुरा, शाहनेवाजपुर व बरहटा राजस्व ग्राम के सभी किसानों की भूमि का खसरा, खतौनी की छाया प्रति आवास विकास परिषद को कई दिन पहले सहायक अभिलेख अधिकारी कार्यालय से सौंपी जा चुकी है।
परिषद के भूमि अधिग्रहण से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी एक-एक गाटा का मिलान कर चुके हैं। नव्य अयोध्या के लिए अधिग्रहीत होने वाली भूमि के लिए अधिसूचना 25 सितम्बर के बाद जारी होने की संभावना है। वैसे इन माझा क्षेत्रों की भूमि की बिक्री पर अघोषित रोक पहले से है। प्राधिकरण बोर्ड से नव्य अयोध्या का प्रस्ताव अनुमोदित होने के बाद भवन निर्माण का एक भी मानचित्र स्वीकृत नहीं हुआ है।