यूपी में जल्द हो सकता है मंत्रिमंडल विस्तार, डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं पीएम मोदी के नजदीकी शर्मा
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों बहुत गहमा-गहमी है। खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और हाल ही में भाजपा के एमएलसी बने एके शर्मा को उत्तर प्रदेश सरकार में अहम जिम्मा मिल सकता है। एक बार फिर से एके शर्मा को लेकर भाजपा में बड़ा मंथन चल रहा है। दिल्ली में प्रधानमंत्री से उनकी मुलाकात के बाद से ही माना जा रहा है कि अगले मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।
दरअसल, वाराणसी समेत आस-पास के जिलों में कोविड कंट्रोल के लिए शानदार काम करने के लिए इन दिनों वह सुर्खियों में हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले दिनों कोविड नियंत्रण में वाराणसी मॉडल की तारीफ भी की जो कि पूर्वांचल का ही हिस्सा है। दरअसल, एके शर्मा काशी व पूर्वांचल के आसपास कोविड नियंत्रण से जड़ी रणनीति बनाने व उसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। काशी पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है। कोरोना की दूसरी लहर में एके शर्मा की पूर्वांचल के इलाके में सक्रियता खूब दिखी। राजनीति में महज पांच महीने पुराने एके शर्मा पूर्वांचल के जिलों में समीक्षा बैठक लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते देखे गए। एके शर्मा केवल वाराणसी ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के 20 अन्य जिलों में सक्रिय हैं।
एके शर्मा की कहानी थोड़ी रोचक है, वह 1988 बैच के गुजरात काडर के आईएएस अधिकारी हैं, लेकिन रहने वाले यूपी के मऊ के हैं। शर्मा की गिनती प्रधानमंत्री के पसंदीदा अफसरो में होती रही है। उन्होंने पीएम मोदी के साथ सीएमओ से पीएमओ तक का सफर तय किया है। नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री थे उस दौर में शर्मा 2001 से 2013 तक उनके साथ मुख्यमंत्री कार्यालय में काम किया करते थे। इसके बाद जब नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभाली तो वह पीएमओ में आ गए।
2014 में वह पीएमओ में संयुक्त सचिव के पद पर रहे और बाद में सचिव बने। कोरोना काल में एमएसएमई की स्थिति काफी खराब हुई तो पीएम मोदी ने शर्मा पर ही विश्वास जताते हुए एमएसएमई मंत्रालय में सचिव पद पर भेजा। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में साल भर से भी कम का वक्त शेष है। ऐसे में सरकार की तरफ से लगातार अपने समीकरणों को दुरुस्त किया जा रहा है। कोरोना नियंत्रण को लेकर सीएम योगी का विशेष फोकस बना हुआ है। वहीं कैबिनेट में कुछ फेर-बदल कर जातीय समीकरणों को भी साधने की कवायद देखने को मिल सकती है।