मार्च 2021 तक पैदा होगी 73 हजार करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग: वित्‍त मंत्री

प्रजेश शंकर 

नई दिल्‍ली (हि.स.)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने त्योहारी सीजन दशहरा और दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। सीतारमण ने त्योहारी सीजन से पहले उपभोक्ता मांग को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ घोषणाएं की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है। इसके मद्देनजर मांग बढ़ाने के लिए उन्होंने स्पेशल फेस्टिवल एडवांस योजना और यात्रा अवकाश भत्ते (एलटीसी) कैश वाउचर योजना का सोमवार को ऐलान किया। 

वित्‍त मंत्री ने यहा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अर्थव्‍यवस्‍था में मांग बढ़ाने की दिशा में खर्च करने के लिए सरकारी कर्मचारियों को एडवांस रकम दी जाएगी। उन्‍होंने कहा कि एलटीसी और त्योहारों के लिए एडवांस रकम दिए जाने से 36 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा हो सकती है। इसके अलावा राज्यों को अतिरिक्त पूंजीगत व्यय से करीब 37 हजार करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा हो सकती है। सीमारमण ने कहा कि इस तरह मार्च 2021 तक कुल 73 हजार करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा हो सकती है। 

सीतारमण ने कहा कि अगर निजी क्षेत्र ने भी अपने कर्मचारियों को राहत दी, तो अर्थव्यवस्था में कुल मांग एक लाख करोड़ रुपये के पार हो सकती है। केंद्र सरकार की तरफ से घोषित स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम अगले छह महीने के लिए उपलब्ध है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में मांग को प्रोत्साहित करने के लिए अपने सभी कर्मचारियों को एकमुश्त 10 हजार रुपये का विशेष त्योहार अग्रिम राशि देगी। लेकिन यह राशि 31 मार्च 2021 तक खर्च करना होगा, जिसे प्रीपेड रुपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा। कर्मचारी खर्च करने के बाद आगे 10 किस्त में इस रकम को जमा करा सकते हैं। 

वित्‍त मंत्री ने कहा कि स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम पर 4 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्‍होंने कहा कि अगर राज्य भी आगे आएं तो 8000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा हो सकती है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए 50 साल के लिए 12 हजार करोड़ रुपये के ब्याज मुक्त लोन की घोषणा की है। इसके तहत पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 1,600 करोड़ रुपये और उत्तराखंड और हिमाचल के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 

निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस योजना के तहत 7,500 करोड़ रुपये का प्रावधान अन्य राज्यों के लिए किया गया है, जिसे राज्यों को वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक दिया जाएगा। इसके अलावा बाकी 2,000 करोड़ रुपये की रकम उन राज्यों को मिलेगी जो आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत किए गए चार ऐलान में से कम से कम तीन सुधार लागू करेंगे। उन्‍होंने कहा कि यह पूरा लोन 31 मार्च 2021 से पहले दिया जाएगा, जो राज्यों को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल बजट में तय केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय के अलावा सरकार अतिरिक्त 25 हजार करोड़ रुपये देगी, जिसे सड़क, डिफेंस संबंधी बुनियादी ढांचा, वाटर सप्लाई, शहरी विकास में खर्च किया जा सकता है। 

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