मथुरा: कान्हा के अवतरित होते ही बैकुंठधाम बना ब्रज क्षेत्र

मथुरा। जन जन के आराध्य त्रिलोक के स्वामी नटवर नागर नंद किशोर के अवतरित होते ही पूरा ब्रज क्षेत्र बैकुंठधाम जैसा नजर आने लगा। ‘नंद के आनंद भयौं जय कन्हैया लाल की’ के उद्घोषों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।  
 कोरोना के चलते हालांकि श्रद्धालु श्रीकृष्ण जन्मस्थान नहीं पहुंचे थे लेकिन आस्था की हिलोर इस समय ब्रज के कण-कण में समांयी है। योगीराज श्रीकृष्ण के 5247वें जन्मोत्सव पर ब्रजवासी बुधवार सुबह से आल्हादित दिखाई दे रहे थे शाम होते होते रात्रि का इंतजार हर उस कृष्ण प्रेमी को था जब नटवर नागर श्रीकृष्ण कन्हैया अवतरित होंगे। दिव्य शहनाई व नगाड़ों के वादन के साथ आराध्य की मंगला आरती के दर्शन हुए। 
रात 11 बजे श्री गणेश जी, नगग्रह पूजन और पुष्प सहस्त्रार्चन के साथ ही लाला के जन्म की तैयारियां तेज हो गईं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास कान्हा के जन्मोत्सव में सरयू जी नदी का जल लेकर भागवत भवन पहुंचे और आधी रात को ठीक 12 बजे कान्हा के चलित विग्रह को मोरछल आसन पर भागवत भवन में लाया गया। रजत कमल पुष्प पर विराजमान ठाकुर जी का स्वर्ण मंडित रजत से निर्मित गाय ने दुग्धाभिषेक किया। गाय के थनों से लगातार दूध की धारा बहती रही। पहली बार ठाकुर जी का अभिषेक अयोध्या से लाए गए सरयू जल से हुआ। यमुना, सरयू और गंगाजल से अभिषेक होते ही जयकारे गूंज उठे। 
इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, प्रबंध समिति के सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी, विशेष कार्याधिकारी विजय बहादुर सिंह, श्रीकृष्ण जन्म महोत्सव समिति के गिरीश चंद अग्रवाल, राजेंद्र खंडेलवाल, उमेश अग्रवाल, मुकेश खंडेलवाल, डॉ. योगेश अग्रवाल व श्रीकृष्ण संकीर्तन मंडल के अनिल, विजय अग्रवाल मौजूद रहे।

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