मंगल, बुध, शुक्र व सूर्य की राशि में हो रहा परिवर्तन, व्यापार में दिखेगी तेजी व रोजगार के बढ़ेंगे अवसर

लखनऊ (हि.स.)। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो अक्टूबर माह लोगों को बहुत ज्यादा राहत देगा। इस माह शनि, राहू, केतू, गुरु की दशा बदल चुकी है या बदलने वाली है। शनि और राहु केतु का गोचर बृहस्पति के साथ षडाष्टक एयर द्वितीय द्वादश सम्बन्ध बनाते हुए अच्छे बुरे दोनों परिणाम देने वाले होंगे। वैसे शनि का प्रभाव शुभ होगा। इसलिये आम सामान्य लोगों का रोजी रोजगार सुधरेगा तथा आकस्मिक व महामारी की मार से रक्षा होगी। गुरु भी अर्थव्यवस्था को उन्नति देंगे परन्तु राहु केतु से उनका विपरीत सम्बन्ध शेयर और विदेशी मार्केट में भारी उतार चढ़ाव देखने को मिलेगा।
प्रयागराज के ज्योतिषाचार्य श्रीनिवास संत का कहना है कि सितंबर के महीना आकाशीय पिंडो यानी ग्रहीय स्थिति में बड़े बदलावों के साथ जा रहा है, जहां 13 सितंबर को देवगुरु कई महीने बाद मार्गी हुए। वहीं 23 सितंबर को 18 महीने से मिथुन धनु में चल रहे राहु-केतु राशि बदलकर वृष, वृश्चिक राशि में अगले 18 महीने गति करेंगे और सितंबर के अंतिम दिन 30 को शनि भी अपना वक्रत्व खत्म कर मकर में ही मार्गी हो गए हैं। गुरु के मार्गी होने अपने राष्ट्र के वर्चस्व में भी वृद्धि होगी।
ज्योतिषाचार्य श्रीनिवास संत के अनुसार अक्टूबर माह में मंगल, बुध, शुक्र व सूर्य राशि परिवर्तन कर रहे हैं। इस माह के 31 दिन में से 12 दिन विशेष महत्व वाले होंगे। इस दौरान व्यापार में तेजी दिखेगी। ग्रहों के राशि परिवर्तन से आइटी सेक्टर व चिकित्सा क्षेत्र में जुड़े बड़े आयाम सामने आएंगे। इन 12 दिनों में सिद्घि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, पुष्य योग, रवि पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग, राजयोग, दो पुष्कर योग शामिल हैं। इन सभी योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग को सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह नक्षत्र व वार के परस्पर सहयोग से बनते हैं।
गाजीपुर के ज्योतिषाचार्य मुनेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि ऐसी मान्यता है कि इस शुभ योग में मनचाहा वरदान भी मिलता है। साथ ही इस योग में किया गया कार्य पूर्णरूप से सफल होता है। यह योग भूमि, मकान की खरीदी बिक्री, नौकरी, परीक्षा नामांकन के लिए विशेष फलदायी है। सर्वार्थ सिद्धि योग मुहूर्त में शुक्र अस्त, पंचक भद्रा आदि पर विचार करने की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि यह मुहूर्त अपने आप में सिद्ध होते हैं। इस योग में नीच ग्रहों का भी प्रभाव नहीं रहता है।
इन राशियों में होगा परिवर्तनसूर्य देव 17 अक्टूबर को कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेंगे। वे 16 नवंबर तक तुला राशि में रहेंगे। मंगल ग्रह चार अक्टूबर से मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं, जबकि बुध 14 अक्टूबर से सुबह 6.30 बजे तुला राशि में चाल परिवर्तन कर वक्री हो जाएंगे, 3 नवंबर को रात्रि 11 बजकर 15 मिनट पर फिर से चाल में परिवर्तन कर मार्गी हो जाएंगे। बुध तुला राशि में एक माह 24 दिन तक गोचर करेंगे। इसके बाद 28 नवंबर की सुबह 7 बजकर 2 मिनिट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र 23 अक्टूबर को सिंह राशि से कन्या राशि में गोचर करेंगे, जो कि 17 नवबर तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद कन्या से तुला राशि में दैत्यगुरु शुक्र पहुंच जाएंगे तथा मूलत्रिकोण शुभ होकर कल्याण करेंगे।

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