बुजुर्ग सास के शव को दफनाने के लिए तीन दिन भटका बंजारा, मुस्लिम समाज ने दिया स्थान

वाराणसी। रोहनिया थाना क्षेत्र के काशीपुर गांव में एक बंजारा अपनी बुर्जुग सास का शव दफनाने के लिए तीन दिन तक दर-दर भटकता रहा। अफसर सूचना मिलने के बाद भी मौन रहे और मानवीय संवदेना भी नहीं दिखाई। दूसरे गांव के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने शुक्रवार को शव दफनाने के लिए कब्र में जगह दी। प्रशासनिक अफसरों के रवैये को लेकर लोगों में गुस्सा भी दिखा।
दरअसल, काशीपुर गांव में स्थित एक बगीचे में मुस्लिम बंजारे ने अपने परिवार के साथ डेरा डाला था। तीन दिन पूर्व जबीर बंजारे की वयोवृद्ध सास 80 वर्षीय शदून की मृत्यु हो गई। जबीर गांव के आसपास के कब्रिस्तान में शव को दफनाने के लिए परेशान हो गया। बंजारे ने थक हार कर गांव के प्रधान जनार्दन सिंह को अपनी पीड़ा बताई। 
ग्राम प्रधान ने इस घटना की जानकारी राजातालाब तहसील, थाना, मातल देई पुलिस चौकी तथा सीओ सदर को फोन के जरिये दी। आरोप है कि अफसरों की तरफ से इस मानवीय समस्या का समाधान नहीं किया गया। यह देख बंजारा तीन दिन तक शव दफनाने के लिए दर-दर भटकता रहा। 
किसी तरह मोहनसराय गांव में स्थित कब्रिस्तान में पहुंचकर बंजारे ने देखरेख करने वाले सलीम खान,जाकिर उर्फ गुड्डू खान और रमजान शेख से अपनी विकट पीड़ा को बताया। उसकी बात सुनने के बाद गांव के लोगों ने भी भाईचारे की मिसाल पेश कर अपने कब्रिस्तान में शव दफनाने की अनुमति दे दी। मोहनसराय ग्राम प्रधान प्रतिनिधि वीरेंद्र उपाध्याय के देखरेख में खुद गांव के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्र खोदवा कर वृद्धा के शव को सुपुर्द-ए-खाक किया। इस दौरान रोहनिया पुलिस भी मौजूद रही। शव को दफनाये जाने के बाद बंजारे ने मुस्लिम समाज के लोगों का आभार भी जताया।

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