बिरजू महाराज को सरकारी आवास खाली करने के केंद्र के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई टली

नई दिल्ली (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने मशहूर कथक कलाकार बिरजू महाराज को सरकारी आवास खाली करने के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टाल दिया है। जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 19 अप्रैल को करने का आदेश दिया। आज सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने जवाब देने के लिए समय देने की मांग की। 
30 दिसम्बर 2020 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया था। बिरजू महाराज की ओर से वकील अखिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा था कि कथक में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें सरकारी आवास आवंटित किया गया था। केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने उन्हें 31 दिसम्बर  2020 तक आवास खाली करने का नोटिस दिया था। अखिल सिब्बल ने कहा था कि बिरजू महाराज की तरह ही दूसरे कलाकारों को भी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया। उन कलाकारों ने भी इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 
हाईकोर्ट ने दूसरे कलाकारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए आवास खाली करने के आदेश पर रोक लगा दी थी। याचिका में कहा गया है कि इन कलाकारों ने कला के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया। सभी कलाकार बुजुर्ग हैं। वे दूसरे प्रोफेशनल्स की तरह अच्छी कमाई नहीं कर सकते हैं। ऐसे में उन्हें दूसरा आवास नहीं मिल सकता है। दिल्ली देश की राजधानी है और उस नाते यहां सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अच्छा प्लेटफार्म मिलता है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता अपनी कला के लिए देश के ब्रांड एंबेसडर हैं। ये कलाकार अगली पीढ़ी को कला से परिचित कराने का काम करते हैं। ऐसे में उन्हें आवास खाली करने का आदेश गलत है।उल्लेखनीय है कि 24 दिसम्बर 2020 को हाईकोर्ट ने दो पद्मश्री विजेता समेत तीन कलाकारों को उनके लिए आवंटित आवास को खाली करने के केंद्र के आदेश पर रोक लगा दी थी। जिन कलाकारों ने याचिका दायर की थी उनमें भारती शिवाजी, वी जयराम राव और बनारसी राव शामिल हैं। भारती शिवाजी को मोहिनीअट्टनम के लिए पद्मश्री, संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड और साहित्य कला परिषद सम्मान मिल चुका है। वी जयराम राव को कुचीपुड़ी में योगदान के लिए पद्मश्री अवार्ड मिल चुका है। वी जयराम राव और बनारसी राव एक साथ रहते हैं। बनारसी राव की पत्नी भी डांसर हैं। बनारसी राव को कुचीपुड़ी में  योगदान के लिए संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड मिल चुका है।

Submitted By: Pawan Kumar Srivastava Edited By: Mukund

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