पुलिस चेत जाती तो नहीं होता डबल मर्डर, थानेदार व दारोगा निलम्बित
प्रादेशिक डेस्क
गोरखपुर। मारपीट की सूचना मिलने के बाद यदि पुलिस समय से मौका वारदात पर पहुंच जाती तो दोहरी हत्या बचाई जा सकती थी। प्रकरण में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएसपी ने थाना प्रभारी व हल्का दारोगा को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। इन दोनों पर रविवार को सुबह पेड़ को लेकर हुई मारपीट की घटना को गम्भीरता से नहीं लेने और लापरवाही बरतने का आरोप है। रविवार सुबह गगहा के पोखरी गांव के दुबे टोला में मां-बेटे की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
आरोप है कि सुबह मारपीट की सूचना पुलिस को मिल गई थी, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं गई। मारपीट के बाद दोनों पक्ष पहले अस्पताल फिर थाने पहुंचे। पुलिस थाने में दोनों पक्षों से बात कर विवाद सुलझाने का प्रयास कर ही रही थी कि तभी गांव में एक भाई के ससुराल पक्ष के लोगों ने घर पर धावा बोलकर मां हेमलता (50 वर्षीय) और बेटे हर्ष दुबे (23) वर्ष की बेरहमी से हत्या कर दी। वारदात के बाद हरकत में आई पुलिस ने आठ आरोपियों को पकड़ लिया। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस यदि समय से चेत गई तो इतनी बड़ी वारदात टाली जा सकती थी। प्रत्यक्ष दर्शी बताते हैं कि हमलावरों के आगे मां, बेटे को बख्श देने के लिए गिड़गिड़ाती रही। हमलावरों ने मां पर हमला किया तो बेटा हर्ष उन्हें बचाने के लिए दौड़ पड़ा। इसके बाद हमलावरों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। तब मां, हमलावरों के सामने गिड़गिड़ाने लगी। वह बार-बार कहती रही कि भले उसकी जान ले लें लेकिन बेटे को छोड़ दें। लेकिन हमलावरों को उन पर दया नहीं आई। उन्होंने दोनों को मौत के घाट उतार दिया। हर्ष दो भाई और दो बहनों में सबसे बड़ा था। गांववालों के मुताबिक घर की ढेर सारी जिम्मेदारियां हर्ष सम्भालता था। उसे अपनी मां से बहुत प्यार था। हमलावरों के सामने मां को बचाने के लिए वह कूद पड़ा। हर्ष के पिता अरविंद और छोटा भाई सुबह हुई मारपीट में घायल हो गए थे। वे पहले अस्पताल फिर थाने पर गए थे। घर पर हमलावरों ने धावा बोल दिया तो दोनों बहनें गांववालों को बुलाने गईं। लेकिन गांववाले आते इसके पहले ही मां के साथ हमलावरों ने हर्ष की भी जान ले ली।