पाक को चकमा देकर अयोध्या आई शारदा पीठ की मिट्टी, जानें कैसे हुआ संभव

नेशनल डेस्क

नई दिल्ली। अयोध्या में लंबे इंतजार के बाद बुधवार को राम मंदिर की आधारशिला रख दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए और भूमिपूजन का कार्य पूरे विधि-विधान के साथ संपन्न किया। भूमि पूजन में देशभर से कई प्रतिष्ठित लोग शामिल हुए और इस पल के गवाह बने। इसके अलावा राम मंदिर के लिए रखी गई नींव में देश के अलग-अलग हिस्सों से लाई गई मिट्टी और नदियों के जल भी डाले गए। इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके की मिट्टी भी शामिल थी।
पीओके स्थित हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थल शारदा पीठ की मिट्टी भी मंदिर की नींव में डाली गई। हालांकि पीओके की मिट्टी को लाना इतना आसान नहीं था और उसके लिए एक व्यक्ति ने बड़ा खतरा मोल लिया। पीओके में किसी भारतीय को जाने की इजाजत नहीं है, ऐसे में चीन में रहने वाले कर्नाटक के वेंकटेश रमन को उनकी पत्नी के साथ पीओके भेजा गया। दंपत्ति को चीन के पासपोर्ट के साथ हांगकांग के रास्ते पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद भेजा गया। यहां से पति-पत्नी शारदा पीठ तीर्थ स्थल पर पहुंचे और फिर वहां की मिट्टी लेकर हांगकांग के रास्ते दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने शारदा पीठ से जुड़े अंजना शर्मा नाम के एक व्यक्ति को मिट्टी सौंप दी। शर्मा फिर मिट्टी लेकर अयोध्या पहुंचे और आधारशिला में शामिल करने के लिए दे दिया।
बता दें कि शारदा पीठ करीब 5,000 साल पुराना मंदिर है, जिसे सम्राट अशोक के शासनकाल में स्थापित किया गया था। यह मंदिर कश्मीरी पंडितों के तीन प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में से एक है। हालांकि यह मंदिर अभी पीओके में है और यहां भारतीयों को जाने की इजाजत नहीं है। यही कारण है कि कश्मीरी पंडित और देश के हिंदू यहाँ पहुंचने के लिए लंबे समय से एक कॉरिडोर की मांग कर रहे हैं। पिछले साल पाकिस्तान सरकार ने 25 मार्च को एक कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दी भी थी, लेकिन पाकिस्तान के विदेश विभाग ने खराब माहौल का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया था।

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