नीरज शेखर ने संसद में उठाया भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में जोड़ने का मुद्दा

बलिया। देश की संसद में शनिवार को भोजपुरी के पक्ष में आवाज गूंजी। राज्यसभा सांसद नीरज शेखर ने भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संसद के उच्च सदन राज्यसभा में मांग रखी।
भोजपुरी भाषी बलिया से लोकसभा सांसद रहे व वर्तमान में भाजपा से राज्यसभा के सदस्य नीरज शेखर भोजपुरी के लिए लगातार आवाज उठाते रहते हैं। राज्यसभा के उपसभापति वेंकैया नायडू की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में जोड़ने का मुद्दा देश में करीब 20 करोड़ लोगों की भावना से जुड़ा हुआ है। देश में बीस करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। जबकि सात-आठ करोड़ लोग दुनिया के अन्य देशों में भोजपुरी बोलते हैं। भोजपुरी बोलने वाले लोगों की बहुत दिनों से यह भावना है कि इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ा जाय। ताकि भोजपुरी को जो सम्मान मिलना चाहिए, वह मिल सके। 

नीरज शेखर ने कहा कि न केवल भारत में बल्कि मॉरीशस, सूरीनाम, युगांडा, मालदीव आदि देशों में भोजपुरी बोली जाती है। विशेषकर नेपाल व मॉरीशस में तो इसे संवैधानिक स्तर भी दिया गया है। नीरज शेखर ने कहा कि भोजपुरी के लिए संसद में 1969 से बात उठायी जा रही है। पांच दशक से इसकी लड़ाई हम लड़ रहे हैं।
उन्होंने पिछली यूपीए सरकार के दौरान तत्कालीन गृहमंत्री द्वारा भोजपुरी में कही बात ‘हम रौंवा सभे के भावना समझत बानीं…’ का जिक्र करते हुए कहा कि उसके बाद आज तक इस दिशा में कुछ हुआ नहीं। नीरज शेखर ने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से मांग किया कि देश-विदेश में बसे करोड़ों भोजपुरी भाषी लोगों की भावना को समझते हुए जल्द से जल्द विधेयक लाकर इसे आठवीं अनुसूची में रखा जाए।

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