नवरात्र: बुद्धि की प्राप्ति के लिए श्रद्धालुओं ने स्कंद माता के दरबार में टेका मत्था

-उप्र पर्यटन ने भी सोशल मीडिया पेज पर किया लाइव, परिसर जयकारा से गुंजायमान

वाराणसी (हि.स.)। शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन बुधवार को जैतपुरा बागेश्वरी देवी मंदिर परिसर स्थित स्कंद माता दरबार में श्रद्धालु नर-नारियों ने हाजिरी लगाई। दरबार में भक्तों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करने पर प्रवेश मिला। 
भोर से ही मंदिर में दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालु कतारबद्ध होने लगे। तीन बजे के बाद मातारानी का श्रृंगार और मंगला आरती कर मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। दरबार में पराअम्बा का एक झलक पाकर श्रद्धालु निकाल हो गये। इस दौरान पूरा परिसर में मातारानी का जयकारा गूंजता रहा। माता रानी की कृपा से बृद्धि बढ़ती है। इसलिए मां के दरबार में बच्चों और युवाओं की भीड़ दर्शन पूजन के लिए आती रही। 
पांचवे दिन नगर के अन्य देवी मंदिरों दुर्गाकुण्ड स्थित मां कूष्मांडा, मां संकठा मंदिर के करीब आत्माविशेश्वर मंदिर परिसर में मां कात्यायनी मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप कालिका गली स्थित काली मंदिर, मां अन्नपूर्णा मंदिर, गोलघर मैदागिन में सिद्धिमाता मंदिर, लक्सा स्थित महालक्ष्मी मंदिर, भदैनी स्थित मां महिषासुर मर्दिनी, लहुराबीर स्थित गायत्री माता मंदिर, शीतलाघाट स्थित शीतलादेवी, त्रिदेव मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ दर्शन पूजन के लिए जुटी रही। 
माता स्कंद देवी कार्तिकेय की माता है। काशी खंड स्कंद पुराण में देवी का भव्य रूप से वर्णन किया गया है। इनकी पूजा से बुद्धि, वात्सल्य और प्रेम की प्राप्ति होती है। स्‍कंद माता को वात्‍सल्‍य की मूर्ति भी कहा जाता है। संतान प्राप्‍त‍ि के लिए मां स्‍कंद माता की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि स्‍कंद माता सूर्यमंडल की अधिष्‍ठात्री देवी हैं। इनकी साधना से जातक को अलौकिक तेज प्राप्‍त होता है। मां अपने भक्‍तों के लिए मोक्ष के द्वार भी खोलती हैं। 
मां स्कंदमाता के साथ-साथ भगवान कार्तिकेय की भी पूजा की जाती है। स्कंद माता की चार भुजाएं हैं। माता दाहिनी तरफ की ऊपर वाली भुजा से भगवान स्कन्द को गोद में पकड़े हुए हैं। बाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा वरमुद्रा में तथा नीचे वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है, उसमें कमल-पुष्प लिए हुए हैं। मां कमल के आसन पर विराजती है। इसलिए इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। मां का वाहन सिंह है। मां का यह स्‍वरूप सबसे कल्‍याणकारी होता है। 
उधर, उप्र पर्यटन ने भी अपने सोशल मीडिया पेज पर स्कंद माता के मंदिर से आम श्रद्धालुओं के लिए मां का दर्शन लाइव किया। इस दौरान मां के महिमा का गुणगान कर इनके उत्पति और महिमा के बारे में भी बताया गया। पांचवे दिन का पोस्टर भी विभाग ने जारी किया है। सोशल मीडिया की टीम मंदिर में जमी रही। 

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