दुष्कर्म के आरोप में फंसे स्वामी चिन्मयानंद को बड़ी राहत

विशेष अदालत में अपने बयान से मुकर गई उन पर आरोप लगाने वाली विधि छात्रा

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ. रेप के आरोप में फंसे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को बड़ी राहत मिली है. स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली विधि छात्रा विशेष अदालत में अपने बयान से मुकरी है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने अभियोजन की अर्ज़ी को रिकॉर्ड पर लेकर इसकी एक कॉपी पीड़िता के पक्ष को दी है, ताकि अगली तारीख पर पीड़िता के पक्ष का जवाब आ जाए. जबकि इस मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी. इससे पहले पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 161 और धारा 164 तहत दिए गए मजिस्ट्रेटी बयान में स्वामी चिन्मयानंद उर्फ कृष्ण पाल सिंह पर रेप का आरोप लगाया था, लेकिन पीड़िता 9 अक्टूबर को कोर्ट में अपने दिए बयान में रेप के आरोप से पलट गई थी. 27 अगस्त 2019 को पीड़िता के पिता ने शाहजहांपुर के थाना कोतवाली में पुत्री के वायरल वीडियो जिसमें उसने चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया था और एफआईआर दर्ज कराई थी. इससे बाद 5 सितंबर 2019 खुद पीड़िता ने नई दिल्ली के थाना लोधी कॉलोनी में चिन्मयानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जांच के दौरान एसआईटी ने इन दोनों एफआईआर को एक में मिला लिया था.
बता दें कि 24 अगस्त 2019 को स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसके बाद से पीड़िता लापता हो गई थी. तब पीड़िता के पिता ने शाहजहांपुर स्थित कोतवाली में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था लेकिन इससे पूर्व स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने एक अज्ञात मोबाइल नंबर पर 5 करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का मामला दर्ज करा दिया था. पीड़िता को स्थानीय पुलिस ने राजस्थान के दौसा से बरामद किया, तभी सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए पीड़िता को न्यायालय में पेश करने का आदेश किया और उत्तर प्रदेश सरकार को इस पूरे मामले के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करके उसे जांच कराने का निर्देश दिया. एसआईटी ने तकरीबन 3 माह से चल रही इस जांच में स्वामी चिन्मयानंद के अलावा रंगदारी मांगने के आरोप में पीड़िता समेत संजय, विक्रम सचिन को जेल भेज दिया. जबकि भाजपा के दो नेताओं को भी रंगदारी मांगने के आरोप में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया था.

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