गलत वेतन निर्धारण से अधिक भुगतान की वसूली पर रोक
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्य बंदी रक्षकों के वेतन के पुनर्निर्धारण के बाद अधिक वेतन भुगतान की वसूली आदेश पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से दो हफ्ते में जानकारी मांगी है। याचिका की अगली सुनवाई 13 अक्तूबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने सुशील कुमार दीक्षित सहित आठ याचिकाओं पर दिया है। याचिका पर पक्ष रख रहे अधिवक्ता का कहना था कि याची के वेतन के पुनर्निर्धारण के बाद पता चला कि अधिक वेतन भुगतान किया जा रहा था। इसमें याची की कोई भूमिका नहीं है। विभाग की लापरवाही से ऐसा किया गया है। याचियों को सुनवाई का मौका दिये बगैर उनसे भुगतान किए गए अधिक वेतन की एक पक्षीय वसूली कार्यवाई की जा रही है।