केवल आपराधिक केस दर्ज होने पर चयनित की नियुक्ति से इन्कार गलत : हाईकोर्ट

-एसपी अमरोहा का आदेश रद्द 
-नये सिरे से आदेश पारित करने का निर्देश 

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो हल्के आपराधिक मामले में लिप्त होने के आधार पर पुलिस कांस्टेबल पद पर चयनित मोनी को केस तय होने तक नियुक्ति का इंतजार करने के आदेश देने पर एसपी अमरोहा  की तीखी आलोचना की है और एसपी के आदेश को रद्द कर दिया है। 
कोर्ट ने कहा कि एसपी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ निर्णय लेने पर प्रतिकूल टिप्पणी करने के बजाय पुनर्विचार करने के लिए प्रकरण वापस भेजा जा रहा है। कोर्ट ने एसपी को याची की योग्यता व मेरिट के आधार पर उसकी नियुक्ति पर दो हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने मोनी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता आलोक यादव ने बहस की। 

याची का कहना था कि अवतार सिंह केस के फैसले के तहत याची ने दर्ज मामलो का खुलासा किया है। कोई तथ्य नहीं छिपाया है। न ही गलत बयानी की है तो केस के फैसले पर निर्भर रखते हुए चयनित याची की नियुक्ति की जानी चाहिए। कोर्ट ने एसपी को निर्णय लेने का निर्देश दिया था। किन्तु मनमानापूर्ण ढंग से सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समझे बगैर नियुक्ति करने से इन्कार कर दिया है और कहा कि केस तय होने पर नियुक्ति दी जायेगी। याची पर दहेज उत्पीड़न जैसे आरोप मे केस दर्ज है। कोर्ट ने एसपी के रूख की आलोचना की और उनके आदेश को रद्द कर नये सिरे से उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।

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