कुर्मी क्षत्रिय महासभा ने 8 मंडल व 45 जिलाध्यक्षों के नाम किए घोषित
चित्रकूट। अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष/पूर्व सांसद बालकुमार पटेल ने आठ मण्डल अध्यक्षों व 45 जिलाध्यक्षों की घोषणा की है। उन्होंने प्रदेश में सामाजिक संगठन का मजबूत ढांचा खड़ाकर नए सिरे से आरक्षण संघर्ष का बिगुल बजाने को कहा है।
शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष/पूर्व सांसद बाल कुमार पटेल ने कहा कि लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर पार्क में प्रदेश के 10 लाख कुर्मी समाज को एकत्र कर रैली की जायेगी। ये रैली 2021 में होगी। उन्होंने घोषित मण्डल अध्यक्षों में फैजाबाद कुलदीप वर्मा, झांसी आनन्द सिंह, वाराणसी शमशेर पटेल, आजमगढ़ जितेंद्र मोहन वर्मा, प्रयागराज उदयभान सिंह पटेल, मिर्जापुर प्रवीण सिंह, बस्ती रामकमल पटेल, लखनऊ सन्तोष कुमार सिंह शामिल हैं। जबकि प्रदेश के 45 जिलाध्यक्षों में फैजाबाद विजय वर्मा, अम्बेडकरनगर सुभाष वर्मा, बाराबंकी अभिषेक पटेल, अमेठी सुरेश बहादुर पटेल, सुल्तानपुर जितेन्द्र वर्मा, प्रयागराज राजबहादुर सिंह पटेल, प्रतापगढ संजय पटेल, फतेहपुर मोहर सिंह पटेल, कौशाम्बी जयप्रकाश सिंह, झांसी भूपेन्द्र सिंह निरंजन, ललितपुर बृंदावन पटेल, जालौन रविन्द्र प्रताप सिंह, चित्रकूट शारदा सिंह पटेल, वाराणसी दयाशंकर पटेल, जौनपुर दीपक पटेल, चंदौली घनश्याम पटेल, गाजीपुर सच्चिदानंद पटेल, गोंडा राजकरन पटेल, बहराइच ओमप्रकाश वर्मा, बलरामपुर अजय वर्मा, सिद्धार्थनगर वीरेन्द्र चौधरी, संतकबीरनगर महेंद्र कुमार चौधरी, बस्ती रमेश चन्द्र चौधरी, बांदा दिनेश कुमार सिंह, हमीरपुर योगेन्द्र पटेल, महोबा वीर सिंह पटेल, मिर्जापुर हरिओम सिंह, फर्रूखाबाद अतुल सिंह गंगवार, कानपुर ग्रामीण अमित पटेल, इटावा शैलेन्द्र वर्मा, गाजियाबाद आकाश कटियार, देवरिया अमित पटेल, मऊ रमेश चन्द्र सिंह पटेल, कुशीनगर जितेन्द्र पटेल, गोरखपुर अशोक चौधरी, उन्नाव नीरज कुमार पटेल, लखनऊ दीपक पटेल, हरदोई अभिनव कनौजिया, आजमगढ़ मृत्युंजय सिंह, रायबरेली विनोद पटेल, बलिया राजकुमार पटेल, भदोही वीरेंद्र वीर सिंह, कानपुर नगर अवधेश कटियार, कानपुर देहात नरेंद्र कटियार, महाराजगंज संजीव पटेल शामिल हैं।
कुर्मी क्षत्रिय महासभा के प्रदेश अध्यक्ष बालकुमार पटेल ने बताया कि ताकतें बिखरी होने के चलते समाज उपेक्षित है। अब संगठन में बिखरी ताकतों को एक मंच पर इकठ्ठा किया जाएगा। पूरे प्रदेश में युद्ध स्तर पर अभियान जारी है। जिले की रैलियां शुरू होते ही लोगों को संगठन की मजबूती का एहसास होने लगेगा।