कानपुर में पहली जाति सूचक लिखे वाहन का हुआ चालान

कानपुर(हि. स.)। केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया आदेश की अब दो पहिया व चार पहिया वाहनों पर किसी प्रकार के जातिसूचक शब्द नहीं लिखा होना चाहिए। जिसके बाद कानपुर में पहली जाति सूचक शब्द लिखी गाड़ी का पहला चालान काटा गया। 
नया नियम बनने से सोमवार को बड़ा चौराहे पर पहले चार पहिया वाहन का चालान किया गया। जो कि सफेद रंग की एक बड़ी गाड़ी का चालान किया गया। जिसमें कि पीछे वाले शीशे पर कुशवाहा और अखिल भारतीय मौर्या महासभा लिखा हुआ था।

कोतवाली इंस्पेक्टर संजीव कांत मिश्रा ने सोमवार को बड़ा चौराहा पर कुशवाहा लिखी यूपी 78 ईटी 3507 नंबर की स्कार्पियो का चालान किया। इस वाहन में पीछे शीशे पर अंग्रेजी में कुशवाहा और उसके नीचे अखिल भारतीय मौर्या महासभा लिखा हुआ था। यह वाहन आरटीओ में अनिल कुमार से नाम से पंजीकृत है। हालांकि कोतवाली पुलिस ने पहले चालान में दो हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है। एसपी यातायात बसंत कुमार ने बताया कि यातायात पुलिस जाति लिखे वाहनों के खिलाफ मंगलवार से अभियान चलाकर कार्रवाई करेगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने किसी भी वाहन पर जाति लिखने पर पाबंदी लगा दी है। अमूमन वाहनों में जातिसूचक शब्द लिखे दिखते हैं। कुछ लोग नंबर प्लेट तो कुछ गाड़ी के शीशे पर जातियों का नाम अंकित कराते हैं। माना यह गया है कि इसकी वजह से समाजिक तानाबाना टूट रहा है। समाज में इसकी वजह से विद्वेष बढ़ रहा है। नए नियमों के अनुसार ऐसा करने वाले वाहनों का चालान किया जाएगा। पहली बार पकड़े जाने पर न्यूनतम 500 रुपये और दूसरी बार पकड़े जाने पर न्यूनतम 1500 रुपये का चालान होगा।

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