कानपुर के हैलट अस्पताल में बेड बढ़ाने की मंजूरी शासन से मिली

कानपुर (हि.स.)। कोरोना के बाद एक बार फिर से जनपद वासियों को वायरल फीवर ने जकड़ लिया है। मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो शासन ने गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में बेड बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। यह जानकारी बुधवार को डॉ संजय काला ने देते हुए बताया, जो प्रस्ताव गत वर्ष शासन को भेजा गया था उस पर हरी झंडी मिल गई है।

उन्होंने बताया कि शासन ने पहले इन्सटॉलमेंट हैलट के आईसीयू वार्ड में बेड बढ़ाने की मंजूरी दी है। वर्तमान में शहर में वायरल, डेंगू और अन्य संक्रमण का प्रकोप बढ़ा हुआ है, मरीजों को कोई दिक्कत न हो, इसके ध्यान में रखते हुए आकस्मिक कक्ष में भी बेड बढ़ाए जायेंगे। शुरुआती दौर में जो 80 बेड बढ़ाए जायेंगे, उसमें मेडिसिन और न्यूरोलॉजी के होंगे। लगभग 180 बेड बढ़ाने की योजना तैयार की गई, जिसमें आकस्मिक कक्ष को सबसे पहले शामिल किया है।

उन्होंने बताया कि बाल रोग और श्वांस मेडिसिन में आईसीयू का बोझ हमेशा की तरह बढ़ा हुआ है। कोरोना के समय भी यहां 120 बेड पर करीब 300 बच्चों का उपचार हो रहा था, साथ ही रोजाना कुछ डिस्चार्ज और वार्ड में जाते थे। लेकिन डॉ. यशवंत राव ने बताया कि पिछले तीन दिनों से रोजाना करीब 20 बच्चे भर्ती हो रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद, मेडिसिन विभाग के वार्डों में आईसीयू ब्लॉक बनाने का फैसला किया गया है। इससे बच्चों को आसानी होगी। शायद कुछ आईसीयू और एनआईसीयू बेड बाल रोग विभाग को भी मिलने की सूचना है।

कर्मचारियों की कमी का अभी नहीं हो पाएगा निस्तारण

हैलट अस्पताल के आईसीयू में भले ही नए वेंटिलेटर लग जाए, लेकिन उसे सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कर्मचारियों की कभी तो अभी नहीं पूरी हो सकती है। अस्पताल में पहले से ही चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ और टेक्नीशियन नहीं है। इस हिसाब से जहां आईसीयू के प्रत्येक बेड पर एक नर्स की ड्यूटी होती है, वहीं हैलट के आईसीयू में सभी बेडों के लिए सिर्फ एक ही स्टॉफ नर्स वर्तमान में है। शेष पूरा काम जूनियर डाॅक्टरों के सहारे ही चल रहा है।

राम बहादुर

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