कछुओं के मांस की तस्करी में छह गिरफ्तार, 120 किलो मांस बरामद
बाराबंकी लोनीकटरा पुलिस ने मंगलवार को कछुओं के मांस की तस्करी का राजफाश किया है। पुलिस ने उत्तराखंड, रायबरेली, लखनऊ निवासी छह लोगों को गिरफ्तार कर इनके पास से 120 किलो कछुए का मांस बरामद किया है।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि यह मांस उत्तराखंड ले जाया जा रहा था। इंंटर पोल से लेकर डब्ल्यूसीसीबी, कछुओं पर काम करने वाली संस्था टीएसए सहित तमाम लोगों से बातचीत में पता चला कि यह उत्तर भारत में अपने-आप में यह पहला मामला है। अभी तक जिंदा कछुआ की तस्करी के अंतरराष्ट्रीय मामले सामने आए हैं। लेकिन कछुआ के मांस का मामला नहीं देखने को मिला था।
इस मामले में पकड़ा गये मुख्य आरोपित रामानंद भगत मूलरूप से बंगाल का निवासी है, जोकि उत्तराखंड में रहता है। उसके साथ रायबरेली का गुड्डू, कमलेश और लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र का निवासी विशाल, राकेश और बरौली निवासी सलमान शामिल हैं। यह मांस खाने के लिए तस्करी किया जाता है। रामानंद इसको उधम सिंह नगर, पीलीभीत व आसपास जिलों सहित बंगाली बस्तियों में सप्लाई करता था। पुलिस ने इनके पास से एक हाफ डाला, उसमें रखे थर्माकोल के चार बॉक्स में भरा मांस, दो हथौड़ी, छेनी सहित एक मोटर साइकिल बरामद की है।
एसपी ने बताया कि लोनीकटरा पुलिस ने रायबरेली से आ रही एक गाड़ी में कछ़ुआ मांस होने की सूचना पर घेराबंदी कर उसे रोका। इसके पीछे आ रहे मोटर साइकिल सवार यह देखकर भागने लगा तो पुलिस ने उसे भी पकड़ लिया। गाड़ी की तलाशी ली गई तो उसमें थर्माकोल के डिब्बों में मछली और मछली के नीचे कछुए का मांस बर्फ के साथ छिपा हुआ था। जानकारी होने पर वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो (डब्ल्यूसीसीबी) के विशेषज्ञ एसपी ने इस मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी।