उप्र में बालू और मोरम का किया गया पर्याप्त भण्डारण: डाॅ. रोशन जैकब
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक डाॅ. रोशन जैकब ने शुक्रवार को यहां बताया कि राज्य में बालू और मोरम का पर्याप्त भंडारण कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसके चलते मानसून अवधि में लोगों को निर्बाध रूप से उचित मूल्य पर बालू और मोरम मिल सकेगा।
निदेशक खनन ने बताया कि पिछले वर्ष बालू के भण्डारण लाइसेन्सों की संख्या 102 थी, जबकि इस साल 107 भण्डारण लाइसेन्स स्वीकृत किये गये हैं। इसी तरह पिछले वर्ष मोरम के 108 स्वीकृत भण्डारण लाइसेन्स की तुलना में इस साल यह संख्या 167 की है। वहीं आरबीएम के गत वर्ष 11 भण्डारण लाइसेन्स स्वीकृत किये गये थे जबकि इस साल 96 हुए हैं।
डाॅ. जैकब ने बताया कि इस वर्ष उपखनिजों के कुल 370 भण्डारण लाइसेन्स स्वीकृत किये गये हैं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या मात्र 221 थी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष 1298127 घन मीटर अधिक उपखनिजों का भण्डारण किया गया है, जिसमें मोरम की मात्रा पिछले वर्ष से लगभग दो गुना ज्यादा है।
उन्होंने बताया कि भण्डारण में कोई हेरा-फेरी न होने पाये तथा भण्डारण से परिवहन में भी कोई अनियमितता न होने पाये। इस पर नियंत्रण करने के प्रभावी इंतजाम किये गये हैं और सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि भण्डारण स्थलों पर साइनबोर्ड लगाने, ई-प्रपत्र-सी के माध्यम से परिवहन की गयी मात्रा का नियमित अनुश्रवण करने, भण्डारण अनुज्ञप्ति स्थल की जियोटैगिंग कराने व सीसीटीसी कैमरा स्थापित कराए जांये।
डाॅ. जैकब ने बताया कि वर्ष 2019-20 में जालौन, बांदा, कौशाम्बी, फतेहपुर, हमीरपुर, झांसी, कानपुर नगर, ललितपुर, चित्रकुट, कापुर देहात व उन्नाव सहित ग्यारह जनपदों में मोरम भण्डारण अनुज्ञप्ति के लाइसेन्स स्वीकृत किये गये थे, जबकि इस वर्ष 16 जनपदों में मोरम भण्डारण अनुज्ञप्ति के लाइसेन्स स्वीकृत किये गये हैं। सबसे ज्यादा लाइसेन्स जालौन जनपद में स्वीकृत किये गये हैं तथा पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जालौन में तीन गुना से भी ज्यादा भण्डारण किया गया है। उन्होंने बताया कि लगभग यही स्थिति कौशाम्बी, फतेहपुर, हमीरपुर व झांसी जिलों में भी है।