उप्र में दीपावली पर गाय के गोबर से बनी लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों की होगी पूजा
-राज्य आजीविका मिशन की पहल पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बना रहीं मूर्तियां
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इस साल दीपावली के अवसर पर गाय के गोबर से बनी लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियों की पूजा होगी। राज्य आजीविका मिशन की पहल पर स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं गाय के गोबर से मूर्तियों को बनाने के काम में बड़ी तेजी से लगी हुई हैं।
राज्य आजीविका मिशन के निदेशक योगेश कुमार का कहना है कि लखनऊ, सुल्तानपुर, हरदोई, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, जालौन, झांसी, प्रयागराज और प्रतापगढ़ समेत प्रदेश के कई जिलों में गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं इस काम में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाएं मूर्तियों के अलावा गाय के गोबर से दिया, गमला, अगरबत्ती, धूपबत्ती, हवन सामग्री और लकड़ी भी तैयार कर रही हैं।
योगेश कुमार ने बताया कि इसके लिए स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के इस अभिनव प्रयोग से न केवल पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि गाय के गोबर का सदुपयोग भी बेहतर ढंग से हो सकेगा। साथ ही यह रोजगार का अच्छा माध्यम बनेगा। उन्होंने बताया कि गणेश पूजा के लिए भी स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार की गई मूर्तियों का प्रयोग प्रदेश के तमाम श्रद्धालुओं द्वारा किया गया।
उन्होंने बताया कि भविष्य में प्रदेश के सभी जनपदों में गाय के गोबर से तरह-तरह के उत्पाद तैयार कराए जाएंगे। राजधानी लखनऊ में गोबर से लकड़ी बनाने के लिए मशीनें भी आ गई हैं और जल्दी ही स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। गोबर से निर्मित इस लकड़ी से शवदाह का कार्य सम्पन्न होगा। इससे वृक्षों की कटान पर अंकुश लग सकेगा। गौरतलब है कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने कोरोना संकट काल में करोड़ों की संख्या में फेस मास्क भी बनाया था। इससे महिलाओं को अच्छी आमदनी हुई थी। उप्र में इस समय करीब चार लाख स्वयं सहायता समूह राज्य आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित हैं। इन समूहों से प्रदेश की 40 लाख से अधिक महिलाएं जुड़कर आत्मनिर्भर की दिशा में अग्रसर हो रही हैं।