अन्तरराज्यीय असलहा तस्कर गिरोह का सरगना समेत दो गिरफ्तार

लखनऊ। यूपी एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार को अन्तरराज्यीय असलहा तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो सदस्यों को चिनहट के पास से गिरफ्तार किया है। तस्करों के पास से पुलिस ने 21 अदद पिस्टल मय मैगजीन बरामद किया है। 

यूपी एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी ने बताया कि राजधानी में लगातार अन्तरराज्यीय असलहा तस्कर गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिल रही थी। गिरोह को पकड़ने के लिए टीम ने जाल बिछा रखा था। शुक्रवार को मुखबिर की सूचना पर टीम ने चिनहट कोकाकोला एजेंसी के सामाने से सरगना आजमगढ़ निवासी अमरेश सिंह और मऊ के ग्राम सोनिसा निवासी प्रिन्स कुमार सिंह को धर दबोचा। इनके कब्जे से टीम को 32 बोर की 21 पिस्टल,42 अदद मैगजीन 32 बोर, फर्जी पुलिस परिचय पत्र और नकदी बरामद की है। 

पूछताछ पर अमरेश ने बताया कि उसने मध्य प्रदेश के जनपद खरगोन व खण्डवा में अवैध असलहे (पिस्टल) का निर्माण कराकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बिक्री करने का बड़ा नेटवर्क बनाया है। जिसमें वह प्रति माह 50-60 पिस्टलें तैयार कराकर बिक्री करता है। वह मध्य प्रदेश के सद्दाम हुसैन व अन्य पिस्टल बनाने वाले लोगों को साथ में मिलाकर उनसे अवैध पिस्टलों का निर्माण कराता और उन्हें तैयार कराकर उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में बेचता है। 

उल्लेखनीय है कि सद्दाम हुसैन को यूपी एसटीएफ ने पूर्व में भी 23 पिस्टलों के साथ जनपद हरदोई से गिरफ्तार कर जेल भेजा था, जो वर्ममान में जमानत पर है। जमानत पर छूटने के बाद से ही वह इसके साथ काम करना शुरु कर दिया था। इन लोगों ने बताया कि एक पिस्टल बनाने का कुल खर्च लगभग 10 हजार रुपये का आता है, जिसे विभिन्न राज्यों में सीधे खरीददार को 28 से 30 हजार रुपये में एवं बिचैलियों को 25 हजार रुपये में बेचते हैं। इस तरह यह लोग एक पिस्टल पर 15 से 18 हजार प्रति पिस्टल कमाई करते हैं। 

गिरफ्तार अभियुक्तों को ​अग्रिम कार्रवाई के लिए चि​नहट थाना पुलिस के सुपुर्द किया है। 

 

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