उप्र पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन भी हड़ताल के समर्थन में, कार्य बहिष्कार का ऐलान

लखनऊ(हि.स.)। विद्युत अभियंता महासंघ के आह्वान पर दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी अभियंता कार्य बहिष्कार पर हैं। इसका असर बिजली व्यवस्था पर पड़ रहा है और संविदा कर्मियों के सहारे काम चलाया जा रहा। वहीं अब उप्र पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन भी हड़ताल के समर्थन में आ गया और उसने कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है।

पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की ओर से आरोप लगाया गया कि एसोसिएशन के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा जनहित में दिए गए सुधारों के प्रस्ताव पर प्रबंधन की चुप्पी के पीछे गहरी साजिश है और बैकग्राउंड में पहले से ही निजीकरण तय कर दिया गया है। 
एसोसिएशन की ओर मंगलवार को जारी बयान में कहा गया कि सोमवार की रात में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की अध्यक्षता में जब संगठन और प्रबंधन के बीच सुधारों को लेकर सहमति बन गई और 31 मार्च की समय सीमा निर्धारित की गई, उसके बाद पावर कारपोरेशन उच्च प्रबंधन का अपनी बात से मुकरना और तैयार प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से मना कर देना एक गहरी साजिश की ओर इशारा करता है। संगठन ने कहा कि इससे पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन सदस्यों के बीच गहरा रोष व्याप्त है और सभी सदस्यों के सामने आन्दोलन पर जाने के अलावा कोई रास्ता शेष नहीं है। 
ऐसी स्थिति में प्रदेश की जनता को यदि किसी संकट का सामना करना पड़ता है तो उसके लिए पावर कारपोरेशन का शीर्ष प्रबंधन और उत्तर प्रदेश सरकार जिम्मेदार होगी। इसलिए आज एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारिणी ने बैठक के दौरान अपराह्न चार बजे से अनिश्चितकाल बहिष्कार की घोषणा कर दी है।

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