असगर गोंडवी फाउंडेशन गोंडा के बैनर तले 22वीं तरही शेअरी नशिस्त का आयोजन

गोण्डा, असगर गोंडवी फाउंडेशन गोंडा के बैनर तले 22वीं तरही शेअरी नशिस्त का आयोजन नूर अस्पताल गोंडा में इशराक खान साहब की मेजबानी में किया गया जिसकी अध्यक्षता गोंडा के मशहूर शायर आमिल गोंडवी निजामत इंकलाब रोजनामा के प्रतिनिधि शेख शम्श ने किया। इस नशिस्त में मुख्य अतिथि के रूप में डॉक्टर शेख जाफर और विशिष्ट अतिथि एहतेशाम हुसैन सिद्दीकी फिटनेस कोच व राहत अली सदर सब्जी मंडी रहे। नशिस्त की शुरुआत करनैलगंज से तशरीफ़ लाए मेहमान शायर इमरान मसूदी ने अपनी नाते पाक से किया इसके बाद विधिवत रूप से गजल की शुरुआत हुई नशिस्त में मिस्रा तरह तेरी तरफ से इश्क का पैगाम आ गया पर तशरीफ लाए शायरों और कवियों ने अपने कलाम/ कविताएं/ रचनाएं पेश किए जिनका विवरण निम्नलिखित है।

उड़ने लगीं हवाइयां चेहरे पे चांद के।
जिस वक्त मेरा चांद लबे बाम आ गया।
आमिल गोंडवी

जब लब पे तेरा नाम आ गया।
दिल को सुकून रूह को आराम आ गया।
जमील आजमी

यह मेरी काविशों का नतीजा है सामने।
दानिशवरों में आज मेरा नाम आ गया।।
डॉक्टर असलम हाशमी

ऐसे निगाहे नाज़ ने देखा है रिंद को।
मुझको लगा कि जैसे कोई जाम आ गया।
डॉक्टर आफताब आलम

लगता है जिंदगी से मुलाकात अब न हो।
जब भी चला हूं मिलने तेरा नाम आ गया।।
नजमी कमाल

वक़्त ए नज़ा उठ गया तूफ़ान इस क़दर।
तेरी तरफ से इश्क़ का पैग़ाम आ गया।।
रहबर गोंडवी

ता जिंदगी जिसके लिए मैं बावफ़ा रहा।
मुझ पर ही बेवफाई का इल्ज़ाम आ गया।।
चंचल गोंडवी

कहने को यहां पर सभी अपने हैं नजीर।
अपना वही है दुख में जो काम आ गया।।
नजीर गोंडवी

बकरा हुआ मुसलमां तो हिंदू हैं सब्जियां।
दौर ए तरक्की में यह भी इक मुकाम आ गया।।
अदबी गोंडवी

बीवी ने लात गुस्से में गर्दन पे जो रखी।
शौहर को थोड़ी देर में आराम आ गया।।
शौहर गोंडवी

बतला रही हैं आज मेरी हिचकियां मुझे।
शायद तुम्हारे लब पे मेरा नाम आ गया।।
खालिद गोंडवी

कर ली फलक के चांद सितारों ने खुदकुशी।
रश्के कमर जो मेरा लबे बाम आ गया।
इमरान मसूदी

मुफलिस कोई मिला तो गले से लगा लिया।
औरों को यह पसंद मेरा काम आ गया।।
जमशेद गोंडवी

इसके अतिरिक्त रशीद माचिस, मुशीर मयकश, अख्तर गोंडवी, सूफी गोंडवी, अफसर हुसैन, अभिषेक त्रिपाठी ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
नशिस्त के समापन अवसर पर फाउंडेशन के अध्यक्ष अफसर हसन “रहबर गोंडवी” ने कहा कि उर्दू पूरे भारत की भाषा है, इसके विस्तार के लिए और इसे जन जन तक पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। नशिस्त की सदारत कर रहे आमिल गोंडवी के कलाम के साथ नशिस्त का समापन हुआ।
इस अवसर पर डॉ एहतेरामुल्लाह, शारिक, जावेद अमीन, मास्टर अदील अहमद, खोचड़ गोंडवी, फैज बारी आदि उपस्थित रहे।

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