UP News : शिक्षक राष्ट्र के निर्माता, शिक्षा विकास की कुंजी और समाज निर्माण का आधार : केशव मौर्य

– शिक्षण कार्य के साथ-साथ छात्रों में नए संस्कार पैदा करें ‘शिक्षक’ : उपमुख्यमंत्री
– श्री  मौर्य ने नवनियुक्त शिक्षकों को दी बधाई
लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि शिक्षा समाज और देश के विकास का आधार है। शिक्षक नौनिहालों को अच्छी शिक्षा व गुणवत्तापरक शिक्षा देकर राष्ट्र व समाज के निर्माण में सहयोग प्रदान करते हैं। शिक्षा विकास की धुरी है, विकास का आधार है, विकास की कुंजी है। देश के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक उन्नयन में देश के महान शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
आजादी की लड़ाई में भी शिक्षकों ने अपनी लेखनी के माध्यम से एक नई अलख जगाई थी। निश्चित रूप से शिक्षक पूज्नीय है। श्री मौर्य ने शनिवार को पूरे प्रदेश में शिक्षकों को दिए गए नियुक्ति पत्र के संबंध में बधाई देते हुए उन्हें उच्च नैतिक आदर्शों के आधार पर अपने कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन करने का आह्वान किया।
उप मुख्यमंत्री व जनपद मैनपुरी के प्रभारी मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मैनपुरी के शिक्षक-शिक्षिकाओं दीक्षा गुप्ता, सुप्रिया निधि, शिवानी मिश्रा आदि से वेबिनार के जरिए वार्ता करते हुए उन्हें बधाई दी और कहा कि एक लंबी लड़ाई के बाद उन्हें नियुक्ति पत्र मिला है। 
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश का ही नहीं दुनिया का सबसे बड़ा प्रदेश है। तमाम चुनौतियों के बावजूद भी मोदी जी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ा है। शिक्षक भी नए कलेवर के साथ काम करके देश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि आज भी हम लोगों में अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान है और उनके सम्मान के प्रति से सर झुक जाता है। नौनिहालों में ऐसी शक्तिशाली मानसिक स्थिति बनाए और उन्हें ऐसी नैतिक शिक्षा को बढ़ावा दें कि छात्रों में सम्मान का भाव हमेशा बना रहे। बच्चों में अच्छे संस्कार भी विकसित करें, उन्हें रोजगारपरक शिक्षा दें, उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के अंदर ऐसी ऊर्जा व प्रतिभा का संचार करें कि वह बड़ी से बड़ी प्रतियोगिता में अपना स्थान बनाए।
श्री मौर्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति आने वाली है। प्रदेश के अंदर शिक्षकों की पूर्ति करके एक अभूतपूर्व काम बड़ी लंबी लड़ाई के बाद पूरा हुआ है। गुरु महिमा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक जिस प्रकार से अपने बच्चों को शिक्षा, स्नेह और प्यार देते हैं, उसी प्रकार से स्कूल में भी पूरे स्नेह व संस्कारों भरी शिक्षा देकर अपने गुरुतर दायित्वों का निर्वहन करें। गुरु की महिमा से इतिहास भरा पड़ा है। शिक्षक वैसा ही कार्य करके महान इतिहास बनाएं। ईमानदारी के साथ काम करें, सफलता उनके चरण चूमेगी। उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से भी अपील की कि अगर उनके कार्यालय में कोई शिक्षक जाते हैं तो अपने गुरु की तरह उनका सम्मान करें और उनकी हर समस्या का समाधान करें।
 

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