UP News : राम की पैड़ी पर जलाए गए डेढ़ लाख दीपक
भागवत ने की सरयू आरती, सीएम योगी ने जलाए पटाखे
प्रादेशिक डेस्क
लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन सम्पन्न हो गया। कार्यक्रम की समाप्ति के साथ ही शाम को एक साथ डेढ़ लाख दीप जलाए गए। दीपों से राम की पैड़ी जगमग हुई। अयोध्या धाम के मंदिरों व अलग-अलग स्थानों पर दीपदान हो रहे हैं। वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शिलान्यास कार्यक्रम के बाद शाम को सदयू तट पर आरती की। इससे पहले शिलान्यास कार्यक्रम में मंच से लोगों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने अपने भाषण की शुरुआत में ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंदिर आंदोलन के प्रणेता रहे लाल कृष्ण आडवाणी के योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि आज आनंद का क्षण है। सभी लोग आनंदित हैं कि जो संकल्प लिया था वह आज पूरा हो रहा है।
उन्होंने ये भी बताया कि उस समय के संघ प्रमुख देवव्रत जी ने कहा था कि 20-30 साल काम करना होगा तब ये काम पूरा हो सकेगा। आज 31वें साल की शुरुआत में यह काम शुरू हुआ है। उन्होंने ये भी कहा कि मंदिर आंदोलन में शामिल हुए बहुत से लोग यहां सूक्ष्म रूप में उपस्थित हैं। बहुत से लोग यहां कोरोना महामारी के चलते नहीं आ सके। उनमें से लाल कृष्ण आडवाणी भी हैं जो नहीं आ पाए। लेकिन वह जरूर अपने घर में यह कार्यक्रम देख खुश हो रहे होंगे। देश में जो आत्मनिर्भरता का प्रयास शुरू हुआ है उसके लिए जो आत्मविश्वास चाहिए था, वह आज मिला है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राम मंदिर शिलान्यास कार्यक्रम के बाद शाम को लखनऊ में अपने आधिकारिक आवास पर पटाखे जलाए। इससे पहले शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री ने बता दिया कि किस प्रकार से सभी को साथ लेकर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अनेक पीढ़ियां चली गईं इस क्षण के इंतजार में। बहुत लंबा संघर्ष चलता रहा और आज पीएम मोदी की कोशिश के कारण यह संभव हो पाया है। मैं हृदय से उनका स्वागत करता हूं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि पांच शताब्दियों बाद राम मंदिर का सपना पूरा हुआ है। इस अवधपुरी का अहसास करने के लिए पांच शताब्दियां लग गईं। 135 करोड़ भारतवासियों को और पूरे विश्व के लोगों व नागरिकों की भावनाओं को मूर्तरूप देने का अवसर जिस महानुभाव के कारण प्राप्त हुआ वह हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।