UP News : बिजली विभाग के स्मार्ट मीटर के खिलाफ कांग्रेस मुखर, मीटर भ्रष्टाचार की देन
वाराणसी (हि.स.)। बिजली विभाग के स्मार्ट बिजली मीटर के खिलाफ अब कांग्रेस भी मुखर हो गई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि 30 गुना तेज चलने वाले स्मार्ट मीटर और करंट दौड़ते ही 100 गुना तेज चलने वाले नए इलेक्ट्रॉनिक मीटर बिजली विभाग और प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार की देन है।
कांग्रेस और पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के पदाधिकारी विजय शंकर पान्डेय, पूर्व जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा, बैजनाथ सिंह, विजयशंकर मेहता, छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह ने रविवार को कहा कि कोरोना महामारी से बुरी तरह त्रस्त और आर्थिक रूप से बदहाल प्रदेश का आम उपभोक्ता आज बिजली विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी और उत्पीड़न का शिकार होकर रह गया है। उसकी आवाज को सुनने वाला कोई नहीं है।
पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली विभाग के आला अधिकारियों और सरकार की मिलीभगत से पूरे प्रदेश में लगाए गए स्मार्ट मीटर टेस्टिंग में 30 गुना से अधिक चलते हुए पाए गए हैं, जरा सोचिए इतनी तेज चलने वाल मीटरों के कारण उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला आर्थिक बोझ कितना घातक है?। अभी बिजली विभाग और सरकार स्मार्ट मीटरों का समीक्षा कर ही रही थी कि इसी बीच दूसरी एजेंसी द्वारा लगाए जाने वाला सामान्य इलेक्ट्रॉनिक मीटर भी लगते ही सैकड़ों गुना तेजी से चलते हुए पाया गया है। जिसमें करेन्ट देते ही मनमानी यूनिट बिजली खर्च होना दर्ज हो जा रहा है।
नेताओं ने कहा कि यह सारी चीजें स्पष्ट करती है कि प्रदेश सरकार आम आदमी के हितों के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशील और उदासीन है। पार्टी ने प्रदेश सरकार और विद्युत नियामक आयोग से मांग किया कि मीटर प्रकरण का तुरंत संज्ञान लेकर पूरे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करे।