UP News : छात्रों के भविष्य से नहीं होगा खिलवाड़-राज्यपाल
प्रादेशिक डेस्क
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि राजभवन सबके लिए खुला है। छात्रों के भविष्य के साथ किसी को भी खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। विश्वविद्यालय ऐसी कोई गलती न करें, जिसका खामियाजा छात्रों को बिना किसी गलती के भुगतना पड़े। राजभवन तक किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। वह बुधवार को राजभवन से सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि कुलपति जब अध्यापकों एवं छात्रों को विश्वास में लेकर कार्य करेंगे तभी विश्वविद्यालय का नाम रोशन हो सकेगा। शिक्षक भी अपनी योग्यता को ध्यान में रखते हुए छात्रों के बीच अपनी छवि स्वच्छ बनाए रखें। कुलपति सभी समितियों में छात्रों को भी शामिल करें क्योंकि इनके शामिल रहने से कई प्रकार की समस्याएं स्वतः खत्म हो जाएंगी। कुलपति स्वकेन्द्रित होकर कार्य न करें, बल्कि अध्यापकों की क्षमता का भरपूर उपयोग करें क्योंकि सभी में सभी गुण नहीं होते। राज्यपाल ने कहा कि कोई भी कुलपति अपनी अनुपस्थिति में राजभवन की इजाजत के बिना किसी को चार्ज नहीं देगा। विश्वविद्यालय राज्य सरकार, केंद्र सरकार एवं यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही परीक्षा कराएं। इसमें किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुलपति एवं रजिस्ट्रार छात्रों की शिकायतें सुनने के लिए सप्ताह में एक दिन एक घंटे का समय निर्धारित करें तथा उस अवधि में केवल उनकी शिकायतों को सुनकर निस्तारण कराएं।
राज्यपाल ने कहा कि कोई भी प्रकरण विश्वविद्यालय की विद्या परिषद एवं कार्य परिषद से पारित कराने के बाद ही राजभवन भेजे। प्रयास यह होना चाहिए कि विश्वविद्यालय स्तर पर ही वरिष्ठता एवं प्रोन्नति संबंधी सभी मामले समय से निस्तारित कर दिएं जाएं। राजभवन द्वारा जो भी निर्देश विश्वविद्यालयों को समय-समय पर भेजे जाते हैं, उसे ध्यान में रखते हुए ही कार्य किए जाएं। उन्होंने नियुक्तियों के लिए पारदर्शी चयन प्रक्रिया अपनाने और किसी भी तरह का पक्षपात न करने की हिदायत दी। साथ ही कहा कि कुलपति केवल अपने अधिकार क्षेत्र वाले प्रकरण पर ही निर्णय लें और इसके बाहर जाने का प्रयास न करें। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा मोनिका एस. गर्ग व विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) केयूर सम्पत के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।