UP News : कोरोना की वैक्सीन के लिए ‘दधीचि’ बन गए प्रांजल
प्रादेशिक डेस्क
आज़मगढ़. सतयुग में जहां दैत्यों के विनाश के लिए महर्षि दधीचि ने अपना शरीर त्यागकर अपनी हड्डियों को देवताओं के राजा इंद्र को वज्र बनाने के लिए दे दिया था. वहीं अब कलयुग में महर्षि दुर्वासा की तपोस्थली क्षेत्र आजमगढ़ में प्रांजल जायसवाल ने कोरोना महामारी को समाप्त करने के लिए अपने शरीर को वैक्सीन बनाने वाले चिकित्सकों को परीक्षण के लिए समर्पित कर दिया है. प्रांजल के ऊपर टेस्ट शुरू हो गए हैं, जानकारी के अनुसार गोरखपुर में उस पर पहला टेस्ट किया गया है, जो सफल रहा है. अभी और टेस्ट होने हैं. आजमगढ़ के लोग प्रांजल पर गर्व महसूस कर रहे हैं कि इस लाल ने जिले के नाम को एक बार फिर रोशन कर दिया है.
जानकारी के अनुसार गोरखपुर के राणा अस्पताल में ये ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. प्रांजल पर कुल आठ टेस्ट होने हैं. इनमें से एक टेस्ट बुधवार को किया गया, जो सफल रहा. अभी सात और टेस्ट होने हैं.