UP News : अपहृत बालक दिल्ली में मिला, सवा दो साल पूर्व हुआ था लापता

–  स्वयंसेवी संस्था व पुलिस की मदद से बालक सकुशल आया अपने घर 
ललितपुर (हि.स.) । दो साल चार माह पूर्व ललितपुर से अपहृत सात वर्षीय किशोर राज कुशवाहा सोशल मीडिया के माध्यम से चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी में सकुशल मिल गया, जिसे पुलिस व स्वयंसेवी संस्था के सहयोग से माता-पिता आज ट्रेन से लेकर ललितपुर पहुंचे। स्टेशन पर उतरते ही लोगों ने राज सहित पुलिस कर्मियों व स्वयंसेवी संस्था के कर्मियों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इधर, पुलिस अधीक्षक ने किशोर से मुलाकात कर उसे बिस्किट खिलाया। वहीं मां-बाप को पाकर राज काफी खुश नजर आ रहा था। 
बताते चलें कि, 2 जुलाई 2018 को कोतवाली सदर क्षेत्र के आजादपुरा रिसाला मन्दिर आजादपुरा निवासी हरगोविंद व ममता कुशवाहा का पांच वर्षीय पुत्र राज कुशवाहा अपनी बड़ी बहन व एक भाई के साथ दोपहर में घर में सो रहा था। जब 4 बजे मां-बहन व उसकी दादी सोकर उठी तो राज गायब था। इसकी सूचना उन्होंने सब्जी मण्डी में सब्जी की दुकान लगाये पिता हरगोविंद व मां ममता कुशवाहा को दी। सभी ने राज को खोजा व पुलिस को उसके लापता होने की सूचना दी। पुलिस ने राज के लापता होने का मामला दर्ज कर एसओजी टीम सहित कोतवाली पुलिस टीम को लगाया था, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। इधर, मां ममता व पिता हरगोविंद अपने पुत्र के मिलने की आस ही तोड़ दी थी, लेकिन 23 अक्टूबर को विजन वेलफेयर फाउण्डेशन के अध्यक्ष रविन्द्र कड़ंकी व सौरभ जैन सिद्धान्त ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो देखा, जिसमें दिल्ली के एक उप निरीक्षक अमर सिंह एक बालक का नाम राज बता रहे थे और उसके माता-पिता के खोजने में मदद की गुहार लगा रहा था। रविन्द्र कड़ंकी ने वह वीडियो ममता कुशवाहा को बताया तो वह उस बालक को पहचान गयी और कहा कि यह उनका पुत्र राज है। इसके बाद वह वीडियो लेकर पुलिस अधीक्षक कैप्टन एम.एम.बेग के पास पहुंचे तो पुलिस अधीक्षक ने तत्काल पुलिस टीम को दिल्ली पुलिस से सम्पर्क करने के लिए कहा। पुलिस के साथ मां-बाप दिल्ली पहुंचे तो जानकारी लगी कि यह बालक अक्टूबर माह में रेलवे स्टेशन पर जीआरपी को रोता हुआ मिला था। जीआरपी ने उसे चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी को सौंप दिया था। इसी दौरान दिल्ली की एक फैमिली भी उस किशोर को अपना पुत्र लक्ष्य बताते हुए उसे लेने के लिए पहुंच गयी। बालक के दो-दो दावेदार होने के चलते चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष द्वारा बालक सम्बंधी अभिलेख मांगे गये तो दूसरी फैमिली उसे लेने तो आयी। उसने बताया कि उसने 9 जुलाई को 40 हजार रुपये में किसी युवक से लक्ष्य को गोद लिया था, जबकि राज 2 जुलाई को लापता हुआ था। उससे ममता का दावा मजबूत हो गया और मां ने राज के शरीर पर स्थित चिन्हों के बारे में बताया तो उससे यह साबित हो गया कि लक्ष्य ही राज है, जिसके बाद मजिस्टेट द्वारा राज को ललितपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया। 
आज मंगलवार की दोपहर शताब्दी एक्सप्रेस से राज को लेकर मां ममता, पिता हरगोविंद व ललितपुर पुलिस उप निरीक्षक सुजीत मिश्रा, कांस्टेबिल अजमत उल्ला, विजन वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष रविन्द्र कड़ंकी, सौरभ जैन ललितपुर स्टेशन पर उतरे तो लोगों ने फूलमालाओं से स्वागत किया। इसके बाद राज को पुलिस अधीक्षक के पास ले जाया गया, जहां पुलिस अधीक्षक कैप्टन एम.एम.बेग ने राज को बिस्किट खिलाया। इधर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सोशल मीडिया व सोशल वर्करों तथा पुलिस टीम के सहयोग से बालक सकुशल मिल

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