UP News:महिलाओं और बच्चों के कल्याण हेतु सरकार की नई पहल
मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति के तहत समाहित होंगी सभी योजनाएं
संवाददाता
गोण्डा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सभी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार ने नई पहल की है। इसके तहत अब महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को तीन वृहद परियोजनाओं में समाहित कर संचालित किया जाएगा, जिसमें मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति शामिल होंगे। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति महिला व बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित सभी मिशन व योजनाओं का कंनर्वजेंस प्रोग्राम है। इसी में मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्य तथा मिशन सक्षम आंगनबाड़ी को शामिल किया गया है।
एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, वर्ष 2011 की जनगणना में देश में 67.70 फीसद आबादी सिर्फ महिलाओं एवं बच्चों की ही है। देश के सतत एवं न्यायसंगत विकास के लिए महिलाओं एवं बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा एवं उनका सशक्तिकरण बेहद जरुरी है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एक सुरक्षित माहौल में बच्चों की खुशहाली और सुपोषण सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। इसके साथ ही महिलाओं को सशक्त करने के लिए सुलभ, सस्ता, विश्वसनीय एवं सभी तरह के भेदभाव एवं हिंसा मुक्त माहौल प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य महिला एवं बाल विकास के लिए राज्य सरकार के कार्यों में कमी को दूर करने, महिलाओं का सम्मान व उनकी सुरक्षा तथा उनके अधिकारों का सर्मथन करने एवं उनके कौशल का क्षमतावर्धन कर उनमें आत्मविश्वास भरना है ताकि वह आगे के रास्ते को स्वयं तय कर सकें। विज्ञप्ति में कहा गया है कि देश का संविधान सभी महिलाओं व पुरुषों को स्वतंत्रता और अवसर का समान अधिकार देता है। एक महिला को अपने भाग्य निर्माण में सक्षम बनाने के लिए, सतत चलने वाले तरीकों को पूरे जीवनकाल तक अपनाया जा रहा है जो एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण करता है जिसके माध्यम से प्राकृतिक तौर पर होने वाले भेदभाव और पक्षपात का समाधान किया जा सके।
महिलाओं का सम्मान और उनकी सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए एक समावेशी समाज के निर्माण की जरूरत है, जहां महिलाओं और बालिकाओं को संसाधनों व अवसरों के इस्तेमाल का बराबरी का अधिकार हो। ताकि भारत की सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक विकास में भागीदारी देने में महिलाएं सक्षम हों। समावेशी विकास के लिए आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय बदलाव लाने में महिलाओं की मुख्य भूमिका है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान में चल रही योजनाओं में आवश्यक बदलाव लाना जरूरी है। इसे मिशन शक्ति के तहत प्राप्त किया जा सकता है। देश के विकास के लिए बच्चों की खुशहाली बहुत जरूरी है। वह भविष्य में देश के मानव संसाधन के रूप में अपना योगदान देते हैं। सरकार द्वारा उनके पोषण, वितरण और इसकी पहुंच तथा इसके परिणाम को मजबूत करने के लिए सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन प्रोग्राम (पूरक पोषण कार्यक्रम) तथा पोषण अभियान को मिशन पोषण 2.0 के तहत विलय कर दिया गया है। बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नई पहल की है। इन उद्देश्यों को मिशन वात्सल्य सुनिश्चित करता है।
वर्ष 2021-22 के केन्द्रीय बजट में इन तीन परियोजनाओं में पूर्व से चल रहीं योजनाओं को शामिल करते हुए राशि का आवंटन किया गया है। सक्षम आंगनबाड़ी तथा पोषण 2.0 परियोजना में आईसीडीएस आंगनबाड़ी सेवा, पोषण अभियान, किशोरियों के लिए योजना व राष्ट्रीय क्रेश योजना को शामिल किया गया है। इसके लिए बजट में 20,105 करोड़ रुपये आंवटित किये गए हैं। मिशन वात्सल्य, बाल सुरक्षा सेवाएं व बाल कल्याण सेवाओं को सम्मिलित करते हुए 900 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मिशन शक्ति (महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए मिशन) में संबल (वन स्टॉप सेंटर, महिला पुलिस वालंटियर, महिला हेल्पलाइन, स्वधर, उज्जवला, विधवा आश्रम) तथा समर्थ (बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओ, पालना घर, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जेंडर बजट, शोध) योजनाओं को शामिल करते हुए 3,109 करोड़ रुपये आंवटित किया गया है। इस तरह तीनों अम्ब्रेला स्कीम्स के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में 24114 करोड़ रूपये आवंटित किए गए हैं।
हमारी अन्य खबरों को पढ़ने के लिए www.hindustandailynews.com पर क्लिक करें।
आवश्यकता है संवाददाताओं की
तेजी से उभरते न्यूज पोर्टल www.hindustandailynews.com को गोण्डा जिले के सभी विकास खण्डों व समाचार की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों तथा देवीपाटन, अयोध्या, बस्ती तथा लखनऊ मण्डलों के अन्तर्गत आने वाले जनपद मुख्यालयों पर युवा व उत्साही संवाददाताओं की आवश्यकता है। मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर हिन्दी टाइपिंग का ज्ञान होना आवश्यक है। इच्छुक युवक युवतियां अपना बायोडाटा निम्न पते पर भेजें : jsdwivedi68@gmail.com
जानकी शरण द्विवेदी
सम्पादक
मोबाइल – 9452137310
कलमकारों से ..
तेजी से उभरते न्यूज पोर्टल www.hindustandailynews.com पर प्रकाशन के इच्छुक कविता, कहानियां, महिला जगत, युवा कोना, सम सामयिक विषयों, राजनीति, धर्म-कर्म, साहित्य एवं संस्कृति, मनोरंजन, स्वास्थ्य, विज्ञान एवं तकनीक इत्यादि विषयों पर लेखन करने वाले महानुभाव अपनी मौलिक रचनाएं एक पासपोर्ट आकार के छाया चित्र के साथ मंगल फाण्ट में टाइप करके हमें प्रकाशनार्थ प्रेषित कर सकते हैं। हम उन्हें स्थान देने का पूरा प्रयास करेंगे :
जानकी शरण द्विवेदी
सम्पादक
E-Mail : jsdwivedi68@gmail.com
क्या आप श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के सदस्य बनना चाहते हैं?
मित्रों, सादर नमस्कार!
जैसा कि आप अवगत हैं कि इन दिनों देश के सबसे बड़े पत्रकार संगठन इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स से सम्बद्ध जिला इकाई गोण्डा श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के पुनर्गठन की प्रक्रिया प्रचलित है। पत्रकारों के इस विशिष्ट समूह को मुख्यालय के लगभग सभी वरिष्ठ पत्रकारों का समर्थन व सहयोग प्राप्त है। संगठन की प्रदेश इकाई द्वारा जानकी शरण द्विवेदी (9452137310) के संयोजन में एक संयोजक मण्डल का गठन किया गया है, जिसमें उमा नाथ तिवारी (7398483009) व राज कुमार सिंह (8318482987) शामिल हैं। सदस्यता अभियान शुरू है। यूनियन के अनेक वरिष्ठ साथियों के पास संगठन का फार्म उपलब्ध है। जिन पत्रकार मित्रों को हमारे संगठन की सदस्यता लेनी है, वे सदस्यता फार्म को पूर्ण रूप से भरकर पासपोर्ट आकार की एक फोटो, आधार कार्ड व बैंक पासबुक की फोटो कापी के साथ 400 रुपए जमा करके सदस्य बन सकते हैं। होली से पूर्व नई कार्यसमिति के गठन का प्रयास है। शर्त यह है कि इच्छुक व्यक्ति किसी समाचार पत्र, चैनल अथवा पोर्टल से सक्रिय रूप से जुड़ा हो। हम आपको यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भावी संगठन पत्रकारों के हक की लड़ाई लड़ने और उन्हें सम्मान दिलाने में सफल होगा। यहां यह बता देना समीचीन होगा कि हमारे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी मल्लिकार्जुनैया जी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी जी तथा राष्ट्रीय महासचिव परमानंद पाण्डेय जी हैं। मल्लिकार्जुनैया जी का कन्नड़ पत्रकारिता में बड़ा नाम है। वह कनार्टक राज्य से हैं। हेमंत जी उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं और सम्प्रति राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के अध्यक्ष हैं। परमांनद जी देश की राजधानी दिल्ली के निवासी तथा उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं, जो हमेशा न्यायालय में पत्रकार हितों की लड़ाई लड़ते रहते हैं।