UP पुलिस भर्ती 2018 महत्वपूर्ण फैसला:दूसरे जिले के डाक्टरों के बोर्ड से जांच कराने का आदेश सही नहीं-हाईकोर्ट
मेडिकल जांच में संदेह पर दुबारा जांच का आदेश सही, परन्तु जांच पहले हुई जांच के स्थान पर हो
प्रयागराज(हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि पुलिस भर्ती मे अभ्यर्थी की लंबाई को लेकर संदेह दूर करने के लिए दुबारा जांच कराने का आदेश देना गलत नहीं है। अभ्यर्थी के मन में माप को लेकर संदेह है तो दूर किया जाना चाहिए। किन्तु दुबारा जांच के लिए दूसरे जिले में मेडिकल बोर्ड गठित करना सही नहीं है। जहा पहली जांच हुई वही पर दुबारा जांच करायी जानी चाहिए।
न्यायालय ने बुलंदशहर के सीएमओ की अध्यक्षता में तीन डाक्टरों की टीम से जांच कराने के आदेश को संशोधित करते हुए कहा है कि यही बोर्ड बरेली के डाक्टरों व पुलिस के साथ गठित किया जाय। पहली जांच बरेली में हुई थी । इसलिए दुबारा वही के मेडिकल बोर्ड से जांच हो।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने उ प्र राज्य की विशेष अपील को निस्तारित करते हुए दिया है। अपील पर अपर महाधिवक्ता व विपक्षी अभ्यर्थी योगेन्द्र कुमार के अधिवक्ता ने बहस की।
मालूम हो कि याची योगेन्द्र कुमार ने 2018 पुलिस भर्ती की परीक्षा में सफल होने के बाद शारीरिक दक्षता परीक्षा दी। बरेली मे हुई जांच मे इनकी लंबाई 168 सेंमी से कम पायी गयी। जिस पर याचिका दायर की और पुनः जांच कराने की माग की। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बुलंदशहर के सीएमओ व दो प्रोफेसर डाक्टरों की टीम गठित कर क्षेत्राधिकारी की मौजूदगी में जांच का आदेश दिया। मेडिकल बोर्ड ने जाच की और रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। मेडिकल जांच रिपोर्ट में याची की लंबाई 168 सेंमी से अधिक पायी गयी तो कोर्ट ने याची को चयनित करने का निर्देश दिया। जिसे अपील में राज्य सरकार ने चुनौती दी।
अपर महाधिवक्ता का कहना था कि भर्ती नियमानुसार एक बार जांच की जा सकती है और जांच वही होगी जहा परीक्षा हुई हो। एकल पीठ ने दूसरे जिले की डाक्टरों की टीम से जांच का आदेश देकर क्षेत्राधिकार का अतिलंघन किया है। जो जिस तरीके से किया जाना है वह उसी तरीके से किया जाना चाहिए।
खंडपीठ ने दुबारा जांच के आदेश पर सरकार की आपत्ति नही मानी किन्तु कहा कि जहा परीक्षा हुई हो संदेह होने पर दुबारा जांच वही होनी चाहिए। कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश के अनुसार बरेली में डाक्टरों की टीम से जांच कराने का आदेश दिया है।