Shravasti News : मातृ, शिशु की मृत्यु होने पर स्थिति स्पष्ट करेंगे अधीक्षक

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में डीएम ने दिया निर्देश

संवाददाता

श्रावस्ती। जिले में मातृ एंव शिशु मृत्यु दर अन्य जनपदों की तुलना में अधिक है, जो चिंता का विषय है। इसे रोके बिना स्वस्थ समाज की परिकल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए हमारा पूरा प्रयास होना चाहिए कि स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में जिले में किसी भी गर्भवती/धात्री महिला एवं नवजात शिशुओं की मौत न होने पाए। यह निर्देश कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी टीके शिबु ने दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि एएनएम और आशा गांव में स्वास्थ्य कार्यक्रमों के संचालन की मुख्य धुरी हैं। इसलिए सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी, एएनएम और आशा वार किये गये कार्यो की समीक्षा भी करें। लापरवाही पाये जाने पर उन्हें दण्डित भी किया जाय। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के मुखिया से लेकर उनके अधीनस्थ प्रभारी चिकित्साधिकारियों के साथ ही स्वास्थ्य निरीक्षक, एएनएम, आशा बहू, आशा संगनियों को विशेष ध्यान रखकर दायित्व बोध के साथ काम करना होगा। इसके लिए उन्होंने जिले की हर गर्भवती महिला से लेकर नवजात शिशुओं को सूची बद्व करना होगा तथा समय से टीकाकरण के साथ-साथ स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उन्हें समय से इलाज मुहैया कराकर स्वस्थ बनाना होगा। जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रवार मातृ एंव शिशु मृत्यु दर की समीक्षा की और मृत्यु के कारणों का विश्लेषण करते हुए सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होने कहा कि यदि भविष्य में किसी मातृ एव शिशु की प्रसव से पूर्व, प्रसव के दौरान या प्रसव के पश्चात् मृत्यु होती है तो सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारियों को मृत्यु का कारण, जच्चा-बच्चा की प्रसव पूर्व की गई देखभाल एवं टीकाकरण पोषण सम्बन्धी दी गई सुविधाओं के विषय में स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा में घरेलू प्रसव ज्यादा पाए जाने पर जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि संस्थागत प्रसव पर विशेष बल दिया जाय। जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभाथियों का भुगतान लम्बित पाये जाने पर सभी सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारियों को तत्काल लाभार्थियों के खाते में जननी सुरक्षा योजना के तहत पात्रों को धनराशि भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अब सभी एएनएम के पास क्षेत्र में भ्रमण हेतु स्कूटी उपलब्ध है,। अतएवं सभी एएनएम अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमणकर स्वास्थ्य कार्यक्रमों में और तेजी लावें। टीकाकरण की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कई क्षेत्रों में डियू लिस्ट ढ़ंग से न बनाने के कारण शत प्रतिशत टीकाकरण में कठिनाई हो रही है। इसलिए जिलाधिकारी ने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि ड्यू लिस्ट ढ़ग से तैयार कराएं ताकि कोई भी पात्र गर्भवती महिला एवं बच्चे टीकाकरण से वचित न रहने पावे। जिलाधिकारी ने सभी सम्बंधित प्रभारी चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एएनएम और आशाओं के माध्यम से परिवार नियोजन के साधनों का व्यापक प्रचार प्रसार कराकर जरूरत मंदो को उपलब्ध कराए।
डीएम ने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों की अपेक्षा इस जिले में परिवार की वृद्धि दर अधिक है। जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए सरकार की ओर से परिवार नियोजन के लिए अस्पताल के माध्यम से कई सुविधाएं जरूरत मन्दां को निःशुल्क सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके साथ ही उन्हें प्रोत्साहन स्वरूप महिला नसबंदी के लिए दो हजार, पुरुष नसबंदी के लिए तीन हजार, प्रसव के बाद कापर टी लगवाने पर 300 रुपए की धनराशि दी जा रही है। जिले के सभी अस्पतालों में पुरुष महिला नसबन्दी, महिलाओं को प्रसव के बाद कापर टी, अंतरा इंजेक्शन, छाया टेबलेट, ओरल पिल्स, माला एन एवं निरोध भी मुफ्त दिया जा रहा है। इसे जरूरत मन्द अपनाकर अपना एवं अपने परिवार का जीवन खुशहाल बना सकते हैं। समीक्षा के दौरान यह ज्ञात हुआ कि एनआरसी में अतिकुपोषित बच्चों की उपस्थिति कम हो रही है। इस पर उन्होने सभी प्रभारी चिकित्साधिकारियों को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में जितने भी मरीज ओपीडी में आते हैं, उनमे से तीन प्रतिशत मरीजों का क्षय रोग परीक्षण कराया जाय। इस दौरान जिलाधिकारी प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, जननी सुरक्षा योजना, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना एंव हाई रिस्क गर्भवती की पहचान सहित स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित अन्य कार्यक्रमों की भी गहन समीक्षा की तथा बेहतर ढंग से कार्य कर जन-जन को स्वस्थ्य रखने का निर्देश दिया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कुमार हर्ष, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एपी भार्गव, जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा सिंह, सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी आशीष श्रीवास्तव, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी मुकेश मातन हेलिया, संयुक्त जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. जेता सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डा. बीएल वर्मा, डा. रामगोपाल, सहित सभी प्रभारी चिकित्साधिकारीगण, डीसीपीएम एंव बीसीपीएम उपस्थित रहे।

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