Shravasti News : पोषण अभियान गरीब बच्चों के लिए वरदान
संवाददाता
श्रावस्ती। जिले में पूर्व से ही बाल विवाह का प्रचलन पूर्व से ही चल रहा है, जिसके कारण बालिकाओ का गर्भ धारण करने की उम्र भी नही हो पाती है कि अज्ञानता वश वे अल्प आयु में माँ बन जाती हैं। परिपक्व न होने के कारण न तो वे अपना देखभाल कर पाती हैं और न ही नवजात शिशु की। परिणाम स्वरूप बच्चे धीरे-धीरे कुपोषण के शिकार हो जाते हैं। यही कारण है कि इस जनपद में और जनपदों की अपेक्षा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर अधिक है। इस मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने अब जिले में बाल विवाह निषेध कर दिया है। बाल विवाह की सूचना देने वाले लोगो को जिला प्रशासन द्वारा दो हजार रुपए का इनाम देने के साथ ही प्रशंसा पत्र भी दिया जा रहा है। जहां भी बाल विवाह की सूचना प्रकाश में आती है, उनके सम्बन्धित व्यक्तियों (अगुआ) के साथ-साथ वर-बधू के घर वालो के विरुद्ध कार्यवाही की जाती है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय विकास एजेंडा में पोषण को केंन्द्र में लाने के लिए पोषण अभियान की शुरुआत की है, जो गरीब लोगों के बच्चों के लिए बरदान साबित होगा।
जिलाधिकारी टीके शिबु ने देते हुए बताया कि यह अभियान कुपोषण को दूर करने के लिए कई विभागों के कन्वर्जेन्स हेतु मिशन है। इसका लक्ष्य स्टंटिग, अल्प वजन, कम-वजन के शिशु, एनीमिया की दर में कमी लाना है। इस हेतु भारत सरकार ने जन सहभागिता के माध्यम से ‘जन-आन्दोलन‘ लाने का प्रयास किया है। पोषण सम्बन्धी गतिविधियों के आयोजन में सामुदायिक भागीदारी और जन-मानस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सितम्बर 2018 को देश भर में राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया गया। माह सितम्बर के दौरान एनीमिया शिवरों, पोषण रैलियों, घर-यात्राओं, पोषण मेला, हाट बाजार, युवा समूह की बैठकें आदि गतिविधियां आयोजित की गईं। पोषण से सम्बन्धित 15 विभागों यथा-कृषि, बाल विकास, युवा एवं खेल, आयुष, आवास एवं शहरी नियोजन, स्किल डेवलेपमेन्ट, सूचना, जन शक्ति, समाज कल्याण, जनजाति कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण विभागों द्वारा संयुक्त रूप से उत्साह पूर्वक पोषण माह में प्रतिभाग किया गया। पोषण माह को शोशल मीडिया पर भी भारी प्रतिक्रिया मिली। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश को बेस्ट सोशल मीडिया आवार्ड भी भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया। पोषण माह की गति को इस वर्ष भी बनाये रखने के लिए तृतीय राष्ट्रीय पोषण माह सितम्बर 2020 में मनाए जाने का निर्णय लिया गया किन्तु इस कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत तृतीय राष्ट्रीय पोषण माह प्रारम्परिक नहीं अतितु डिजिटल तरीके से मनाया मनाया जा रहा है। तकनीक का प्रयोग करते हुए वर्चुअल बैठकों का आयोजन करते हुए मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह, 2020 की सफलता हेतु मास मीडिया, आउटडोर मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया आदि को बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह प्रदेश में 7 सितम्बर से प्रारम्भ किया गया। प्रदेश सरकार ने पोषण माह को सफल बनाने के लिए न्यूट्री गार्डन हेतु पौधे लगाये जाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस राष्ट्रीय पोषण माह पर प्रदेश सरकार ने परिवारों एवं समुदाय को अधिक से अधिक पौष्टिक सब्जी एवं फलों के पौधेध्वृक्ष लगाये जाने हेतु प्रोत्साहित किया है। सरकार ने न्यूट्री गार्डन में अदरक, हल्दी, सहजन, बेल, आंवला, नीम, तुलसी, पुदीना आदि के पौधे घरों में लगाने पर बल दिया है। जिसे भोजन में शामिल करके कुपोषित परिवारों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया जाए। प्रदेश सरकार ने न्यूट्री गार्डन को विकसित करने के लिए शासकीय परिसरों, सरकारी स्कूलों, आवासीय स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, ग्राम पंचायत की भूमि को प्राथमिकता दी है।
प्रदेश सरकार ने इस राष्ट्रीय पोषण माह में अतिकुपोषित बच्चों के अभिभवकों को एक-एक गाय उपलब्ध कराने के दिशा निर्देश जारी किए हैं। जो कुपोषित परिवारों की आय का स्रोत होंगी। प्रदेश सरकार ने कुपोषित परिवार को निशुल्क गाय देना का आदेश जारी किया है। सरकार ने पशुपालन विभाग को निर्देश दिए है कि बाल विकास पुष्टाहार विभाग से समन्वय स्थापित कर इच्छुक कुपोषित परिवार के घरों मे निराश्रित गोवंश उपलब्ध कराया जाए । प्रदेश सरकार ने यह भी निर्देश जारी किए है कि जिन कुपोषित परिवार को निराश्रित गोवंश उपलब्ध कराया जाएगा। उन कुपोषित परिवारों को गोवंश के भरण पोषण हेतु प्रति दिन के हिसाब से 30 रुपये अर्थात प्रति माह में 900 रुपये दिए जाएंगे। इस क्रम में जनपद में कुपोषित परिवारों को निराश्रित गाय उपलब्ध कराए जाने हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। जनपद में कुपोषित परिवारों को निराश्रित गाय उपलब्ध कराए जाने हेतु इच्छुक गोपालक कुपोषित घरों का चिन्हीकरण आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा किया जा रहा है। जनपद में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने 24 कुपोषित इच्छुक गोपालकों को चिन्हित कर लिया है। चिन्हीकरण की प्रक्रिया तीव्र गति से चल रही है। जल्द ही हर इच्छुक कुपोषित गोपालक के घरों की चिन्हीकरण प्रक्रिया का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा और गाय उपलब्ध करा दी जाएंगी।