Shravasti : ‘पराली दे जाओ, देशी खाद ले जाओ‘ योजना लागू
पराली जलाना दण्डनीय अपराध, उल्लंघन करने पर 15 हजार रुपए तक हो सकेगा जुर्माना
वाट्सऐप ग्रुप ‘पराली22एसवीटी’ पर पराली जलाने की सूचना देंगे ग्राम पंचायत स्तरीय कर्मचारी
संवाददाता
श्रावस्ती। जिलाधिकारी नेहा प्रकाश ने बताया है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों के अनुरूप कृषि योग्य भूमि पर फसल अवशेषों एवं धान की पराली को जलाया जाना अपराध है। इसके लिये न्याय पंचायत वार नोडल अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। उन्होने बताया कि कृषि विभाग द्वारा आयोजित की जा रही किसान पाठशाला एवं अन्य गोष्ठियों के माध्यम से पराली नियंत्रण (फसल अवशेष प्रबन्धन) हेतु होर्डिग, वाल पेन्टिंग एवं न्याय पंचायतवार गोष्ठी कर कृषकों को जागरूक किया जा रहा है। पराली प्रबन्धन की मॉनीटरिंग हेतु एक सेल का भी गठन किया गया है। ’गौशालाओं में पराली लाओ खाद ले जाओ’ योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि फसल अवशेष जलाये जाने की घटना प्रकाश में आती है, तो राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशानुसार अर्थदण्ड का प्रावधान भी निर्धारित किया गया है जो 02 एकड तक के लिए 2500 रुपए प्रति घटना, 02 एकड से 05 एकड क्षेत्र के लिए 5000 रुपए प्रति घटना तथा 05 एकड से अधिक क्षेत्र के लिए 15000 रुपए प्रति घटना तय है। फसल अवशेष जलाना अपराध की श्रेणी में है। पुनरावृत्ति होने पर भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 संज्ञेय, 278 असंज्ञेय, 290 असंज्ञेय एवं 291 संज्ञेय एवं अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही किया जाना अथवा कारावास का भी प्राविधान है।
जिलाधिकारी ने नामित नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया है कि फसल अवशेष प्रबन्धन की जानकारी हेतु आयोजित जनपद स्तरीय गोष्ठी/प्रशिक्षण का प्रचार-प्रसार करेंगे। आवंटित न्याय पंचायत के समस्त ग्राम पंचायतों में स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर फसल अवशेष प्रबन्धन के बारे में जागरूक करेंगे। न्याय पंचायत के राजकीय कार्मिक जैसे ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल, न्याय पंचायत की पुलिस बीट के सिपाही, सफाई कर्मी, कृषि विभाग के तकनीकी सहायक आदि फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु निगरानी समिति का गठन कर रणनीति तैयार करेंगे। कृषि विभाग द्वारा वितरित किये जाने वाले वेस्ट डी-कम्पोजर के प्रयोग हेतु कृषकों को प्रशिक्षण देंगे, ताकि कृषक वेस्ट डी-कम्पोजर का प्रयोग करके फसल अवशेष को खाद में परिवर्तित कर अपने खेतों में उसका प्रयोग कर सकें। सभी कर्मी आवंटित न्याय पंचायत में पराली प्रबन्धन की सख्त निगरानी करेंगे तथा पराली जलने की सूचना तत्काल उप कृषि निदेशक द्वारा गठित वाट्सऐप ग्रुप ‘पराली22एसवीटी’ पर देंगे एवं पुलिस एवं प्रशासन के संज्ञान में लाते हुए दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करायेंगे। आवंटित न्याय पंचायत में बिना एसएमएस के चल रही कम्बाइनों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे। पराली जलने की घटनाओं की निगरानी सैटेलाइट द्वारा भी की जा रही है, जिसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट ग्रुप में प्रेषित की जायेगी। यदि घटना नोडल अधिकारी के क्षेत्र की है तो उसे मौके पर देखकर आख्या प्रेषित करना तथा अर्थदण्ड की स्पष्ट संस्तुति करेंगे।
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जानकी शरण द्विवेदी