Railway News : वसुंधरा रेलवे कॉलोनी नये सिरे से विकसित होगी, आरएलडीए ने ऑनलाइन बोली की आमंत्रित
परियोजना में 9,428 वर्गमीटर में रेलवे कॉलोनी का पुनर्विकास
-शेष में व्यावसायिक विकास कार्य
वाराणसी, 18 नवम्बर (हि.स.)। रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने वाराणसी में लहरतारा स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के वसुंधरा लोको रेलवे कॉलोनी को नये सिरे से विकसित करने की योजना बनाई है। आरएलडीए ने कालोनी के पुनर्विकास के लिए ऑनलाइन बोली आमंत्रित की है। परियोजना में ई-बोली के लिए आवेदन जमा करने की अन्तिम तिथि 22 दिसम्बर 2020 है। ऑनलाइन बोली के जरिये उच्चतम लीज प्रीमियम ऑफर करने वाले योग्य डेवलपर को भूमि लीज पर दी जाएगी।
इस परियोजना में अधिकृत कुल भूमि का क्षेत्रफल लगभग 2.5 हेक्टेयर है, जिसमें से लगभग एक हेक्टेयर भूमि रेलवे कॉलोनी के पुनर्विकास के लिए स्वीकृत की गई है और शेष 1.5 हेक्टेयर भूमि वाणिज्यिक विकास के लिए है। वाणिज्यिक विकास के लिए 45 वर्ष की लीज अवधि के लिए आरक्षित मूल्य 24 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
रेलवे कॉलोनी के अनिवार्य पुनर्विकास कार्यों के लिए लागत 34.5 करोड़ रुपये है। कालोनी के पुनर्विकास कार्य में यहां के भूमि पर एक मल्टी-स्टोरे बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण प्रस्तावित है, जो पार्किंग, लॉबी, पास, लिफ्ट, सीढ़ियां, तथा अन्य सुविधाओं से सुसज्जित होंगी। डेवलपर विकसित कॉलोनी की पांच साल की अवधि तक देखभाल करेंगे।
-वाराणसी के प्राइम लोकेशन पर है कालोनीवसुंधरा लोको रेलवे कॉलोनी वाराणसी के प्राइम लोकेशन पर स्थित है। साइट डिवीजनल रेलवे अस्पताल और वाराणसी कैंट स्टेशन के करीब है, जो इस साइट को अतिरिक्त महत्वपूर्ण बनाता है। आरएलडीए के वाइस-चेयरमैन वेद प्रकाश डुडेजा के अनुसार रेलवे कॉलोनी का पुनर्विकास इस क्षेत्र में अपनी तरह का पहला विकास कार्य होगा। इस विकास से आसपास के क्षेत्र में रियल एस्टेट परियोजनाओं और बाजार को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना का विकास वाराणसी में किया जा रहा है, जो भारत सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत आती है। परियोजना स्थल रेलवे स्टेशन के साथ-साथ विभिन्न प्रमुख स्थानों से सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से जुड़ी हुई है।
-रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकसित करने पर जोररेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) रेल मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक प्राधिकरण है। इसकी स्थापना गैर-भाडा उपायों द्वारा राजस्व अर्जन के उद्देश्य से रेल भूमि का वाणिज्यिक विकास करने के लिये रेल अधिनियम 1989 मे संशोधन करके हुई थी। वर्तमान में आरएलडीए 62 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक आईआरएसडीसी ने अन्य 61 स्टेशनों को पुनर्विकसित करने के लिए चयनित किया है। पहले चरण में, आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर और पुदुचेरी जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है।
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में भारत भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा। इसके अलावा आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी के पुनर्विकास परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है और हाल ही में पुनर्विकास के लिए गुवाहाटी में एक रेलवे कॉलोनी को लीज पर दिया है। खास बात यह है कि रेलवे के पास वर्तमान में पूरे देश में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है। आरएलडीए के पास लीजिंग के लिए देश भर में 79 कमर्शियल (ग्रीन फील्ड) साइट हैं। प्रत्येक साइट के लिए योग्य डेवलपर्स का चयन एक खुली और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।