National News : ​​अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त मिग-29के का मलबा मिला

– लापता पायलट कमांडर निशांत सिंह का 72 घंटे बाद भी कोई पता नहीं चला 
– तलाशने के लिए 09 युद्धपोतों, 14 विमानों और इंटरसेप्टर क्राफ्ट लगाया गया

  ​नई दिल्ली (हि.स.)। अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हुए नौसेना के मिग-29 के का कुछ मलबा समुद्र में बरामद कर लिया गया है लेकिन 72 घंटे बाद भी लापता पायलट कमांडर निशांत सिंह का कोई पता नहीं चला है। पायलट और जहाज का मलबा तलाशने के लिए 09 युद्धपोतों और 14 विमानों को लगाया गया है। मरीन और कोस्टल पुलिस की तलाश जारी है और आसपास के मछली पकड़ने वाले गांवों को संवेदनशील घोषित कर दिया गया है।
नौसेना का ट्रेनर मिग-29के लड़ाकू विमान 26 नवम्बर की शाम 5 बजे उस वक्त अरब सागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जब वह विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से परिचालन करते समय ऊंची समुद्री लहरों के बीच नीचे जा रहा था। इस विमान को एक ट्रेनर एयरक्राफ्ट की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था। उस लड़ाकू विमान के एक पायलट को ढूंढ लिया गया जबकि दूसरे लापता पायलट ​कमांडर निशांत सिंह को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। समुद्री इलाके में हवा और पानी में ऑपरेशन चलाकर पायलट की तलाश करने के साथ ही भारतीय नौसेना ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। यह विमान आईएनएस विक्रमादित्य पर तैनात था और इसी माह अरब सागर में चार देशों की नौसेनाओं के साथ हुए मालाबार अभ्यास में भी हिस्सा लिया था।  
नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि मलबा और पायलट की खोज में 09 युद्धपोतों और 14 विमानों को लगाया गया है। इसके अलावा भारतीय नौसेना के फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट को भी समुद्र तट पर तैनात किया गया है। मरीन और कोस्टल पुलिस को भी लगाया गया और आसपास के मछली पकड़ने वाले गांवों को संवेदनशील बना दिया गया है। कमांडर निशांत सिंह की तलाश में आईएनएस विक्रमादित्य, उसके युद्ध समूह के सी-130जे, पी-8 आई और डोर्नियर हेलीकॉप्टरों को भी अभियान में लगाया गया। 72 घंटे की गहन खोज के बाद रविवार को समंदर में डूबे ट्रेनर मिग-29के लड़ाकू विमान का कुछ मलबा बरामद कर लिया गया जिसमें लैंडिंग गियर, टर्बो चार्जर, फ्यूल टैंक इंजन और विंग इंजन काउलिंग शामिल हैं।  कमांडर निशांत सिंह वही पायलट हैं जिनका इसी साल मई के महीने में अपने सीओ (कमांडिंग ऑफिसर) को लिखा लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। कमांडर निशांत सिंह ने यह लेटर अपनी शादी की अनुमति लेने के लिए लिखा था जिसके बाद सीओ ने इजाजत देने के लिए जो जवाब था, उसकी भी काफी चर्चा हुई थी। इस पत्र में निशांत सिंह ने शादी की अनुमति बेहद मिलिट्री अंदाज में मांगी थी। उन्होंने लिखा था कि “मैं आप पर बम गिराने वाला हूं लेकिन मुझ पर खुद न्यूक्लियर बम (शादी का) गिरने वाला है। कोरोना के चलते सब कुछ बंद है, इसलिए उनके माता पिता ‘जूम’ पर उन्हें आशीर्वाद देंगे। उन्होंने यह भी लिखा था कि जिस तरह से वे (सीओ) और उनके साथी शादी की वेदी पर चढ़े हैं, उसी तरह से वे भी चढ़ने वाले हैं ताकि लाइन ऑफ ड्यूटी के बाहर शांतिपूर्वक जिंदगी बिता ‌सकें। 
कमांडर निशांत सिंह गोवा स्थित आईएनएस हंस नेवल बेस पर 303 आईएनएस स्कॉवड्रन में तैनात थे। उनके सीओ कैप्टन एम. शेयोकंद भी मिग-29 के जेट के एक क्रैश में बाल-बाल बचे थे। भारतीय नौसेना ने ​2013 में रूस से 45 मिग-29 के लड़ाकू विमानों का सौदा एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात करने के लिए किया था। इन फाइटर जेट्स की एक स्क्वाड्रन गोवा स्थित आईएनएस हंस पर तैनात है और कुछ विमान विशाखापट्टनम में भी तैनात रहते हैं क्योंकि भारत का दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत अभी बनकर तैयार नहीं हुआ है। ​अभी तक की जांच में इसकी पुष्टि हुई कि दोनों पायलट​ दुर्घटना से पहले जहाज से बेदखल ​हुए थे। ​अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि लापता पायलट कमांडर निशांत सिंह का आपातकालीन लोकेटर बीकन सक्रिय है या पिंग कर रहा है। बचाए गए पायलट की हालत ठीक है।

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