National News : अस्तित्व बचाने के लिए किसानों के मुद्दे पर दोहरा रवैया अपना रहा विपक्ष : रविशंकर प्रसाद
नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को कांग्रेस और राट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सहित तमाम विपक्षी दलों के समर्थन पर सवाल खड़ा करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कहा कि विपक्षी दल अपना अस्तित्व बचाने के लिए इस मुद्दे पर दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों को गुमराह करने के साथ ही शर्मनाक तरीके से दोहरा मापदंड अपना रहा है। विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोध कर रहा है। प्रसाद ने इस संबंध में एक-एक करके विपक्ष के कई नेताओं का नाम लेकर कृषि कानूनों पर सरकार से मिलती-जुलती राय रखने संबंधी उनके बयानों का भी उल्लेख किया।उन्होंने सीधे तौर पर विपक्ष पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर नेता पहले ही कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) एक्ट को हटाने का समर्थन कर चुके हैं। कांग्रेस के 2019 के घोषणा पत्र में इसे हटाए जाने की बात कही गई थी।
कांग्रेस ने संशोधन की कही थी बात
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ-साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार पर सभी बंधनों से मुक्त करेगी।
प्रसाद ने कहा, आज जो हमने काम किया है, 8-9 साल पहले मनमोहन सिंह की सरकार यही कर रही थी, 2005 में शरद पवार ये बोल रहे थे। जिस समय शरद पवार ये बोल रहे थे कि अगर आप सुधार नहीं करोगे तो हम वित्तीय समर्थन देना बंद कर देंगे। उस समय मनमोहन सिंह की सरकार का समर्थन सपा, राजद, सीपीआई और अन्य दल कर रहे थे।
कांग्रेस का राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा
उन्होंने कांग्रेस पर अपनी राजनीतिक जमीन बचाने के लिए विरोध करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज जब कांग्रेस का राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है, ये बार-बार चुनाव में हारते हैं चाहे वो लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम चुनाव हो। ये अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे। हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है।
कृषि मंत्री रहते शरद पवार ने की थी एपीएमसी एक्ट में बदलाव की मांग
यूपीए सरकार में कृषि मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार पर हमला करते हुए भाजपा नेता ने कहा, शरद पवार जब देश के कृषि और उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे तो उन्होंने देश के सारे मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी। जिसमे उन्होंने लिखा था कि मंडी एक्ट में बदलाव जरूरी है, प्राइवेट सेक्टर का आना जरूरी है, किसानों को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अवसर मिलना चाहिए।
दिल्ली में नवम्बर में ही कृषि कानून लागू कर चुके हैं केजरीवाल
भाजपा नेता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर किसानों को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकार ने 23 नवम्बर को नए कृषि कानून को नोटिफाई करके दिल्ली में लागू कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ आप विरोध कर रहे हैं और दूसरी तरफ आप गजट निकाल रहे हैं।
सपा पर साधा निशाना
किसानों के समर्थन में उतरी समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए रविशंकर ने कहा कि मैं सपा नेता अखिलेश यादव को याद दिलाना चाहता हूं कि एग्रीकल्चरल स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आई है। उसमें आपके पिता मुलायम सिंह यादव भी सदस्य हैं। उन्होंने भी उस रिपोर्ट में साफ-साफ कहा है कि ये बहुत जरूरी है कि किसानों को मंडियों के चंगुल से मुक्त किया जाए।
प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर भूमिका निभा रहे योगेंद्र यादव का भी जिक्र किया, जिनकी पार्टी स्वराज इंडिया ने भी केंद्र से इस कानून को हटाने की अपील की थी। उन्होंने कहा कि किसानों से संबंधित सुधारों को लेकर जो कानून बने हैं, उसको लेकर कुछ किसान संगठनों ने जो शंका उठायी है उसके लिए चर्चा हो रही है, वो चर्चा की अपनी प्रक्रिया है जो सरकार कर रही है। लेकिन अचानक तमाम विपक्षी या गैर भाजपाई दल कूद गए हैं।