Kanpur News : किसान आंदोलन में हिंसा करने वाले दिख रहे हैं भाजपा नेताओं के साथ : संजय सिंह
– सुप्रीम कोर्ट के जरिये होनी चाहिए पूरे मामले की जांच
कानपुर (हि.स.)। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड करने वाले आंदोलनकारी किसानों के बीच असमाजिक तत्व घुस गये थे। यही असमाजिक तत्व पुलिस पर हमलावर हुए और हिंसा फैलाई, जिसकी निंदा आंदोलनकारी किसान नेताओं ने भी की। हिंसा फैलाने वालों की फोटो भाजपा के बड़े नेताओं के साथ देखी जा रही है, जिससे भाजपा पर सवाल उठना लाजिमी है। पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट से की जानी चाहिये और हिंसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ साजिशकर्ताओं को भी सामने लाया जाये। यह बातें राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को दिल्ली जाते समय कानपुर स्टेशन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर निर्धारित रुट पर ट्रैक्टर परेड कार्यक्रम किया था। इस दौरान आंदोलनकारी किसानों का एक जत्था लाल किला पहुंच गया और रास्ते में पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट भी की। इसके साथ और कई जगहों पर किसानों का आंदोलन हिंसात्मक हो गया। इसको लेकर आंदोलकारी किसानों की काफी फजीहत भी हो रही है। हांलाकि दिल्ली पुलिस हिंसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गयी है, पर राजनीतिक बयानबाजी का भी दौर जारी है। इसी क्रम में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद व उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने दिल्ली में किसान आंदोलन में हुई हिंसा पर सवाल उठाते हुए सरकार को ही कटघरे पर खड़ा कर दिया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि हिंसा फैलाने वालों की फोटो भाजपा के बडे नेताओं के साथ देखी जा सकती है। इससे स्पष्ट है कि इसके पीछे किसका हाथ है। इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट से होनी चाहिये। केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ढ़ाई महीने से चल रहे किसान आंदोलन को सरकार धृतराष्ट्र के तरीके से देख रही है। किसान आंदोलन में हुई हिंसा की जिम्मेदारी किसान यूनियन के नेताओं ने नहीं ली है। बतातें चलें कि संजय सिंह लखनऊ में अपनी पार्टी की बैठक करने के बाद शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली जा रहे थे और कानपुर स्टेशन में पत्रकारों से वार्ता की।