Gonda News: CDO ने पोषण वाटिका में रोपे सहजन के पौधे, कुपोषण के खिलाफ छेड़ी जंग
छः माह की बच्ची का कराया अन्नप्राशन तथा गर्भवती महिलाओं की कराया गोद भराई
घर में न हो जगह तो छत पर बनाएं पोषण वाटिका, उगाएं हरी सब्जियां : डीपीओ मनोज कुमार
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने पोषण माह के तहत मनकापुर ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्र करवलवा मछली गांव में सहजन व केला आदि के पेड़ लगाकर पोषण वाटिका का शुभारम्भ किया। उन्होंने छः माह की नन्ही बालिका शूफिया को खीर खिलाकर अन्नप्राशन संस्कार कराया और संदेश दिया कि अब बच्ची को मां के दूध के साथ-साथ ऊपरी आहार भी देने की आवश्यकता है। इसके अलावा सीडीओ द्वारा दो गर्भवती महिलाओं की गोदभराई भी की गई।
सीडीओ ने माताओं एवं अभिभावकों से बच्चों को छः माह तक स्तनपान तथा छः माह बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार देने के लिए अपील किया। उन्होंने गर्भवती महिला के खान-पान का विशेष ख्याल रखने, संतुलित और पौष्टिक आहार लेने के साथ ही घर में हरी सब्जियां उगाने और नियमित रूप से उनका सेवन करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। सीडीओ ने मौजूद लोगों से और समाज से कुपोषण के खिलाफ जंग में उतरने का आह्वान किया और कहा आप लोगों के बिना हम इस कार्य को सफल नहीं बना सकते। उन्होंने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सामाजिक दूरी अपनाने, सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का प्रयोग करने, बार-बार हाथ धुलने तथा अनावश्यक यात्रा से बचने के लिए भी प्रेरित किया।
इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि वर्तमान समय जिले में 3,095 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं तथा 2,856 आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों कार्यरत हैं। इन केन्द्रों पर जहां-जहां जगह उपलब्ध हुई, कार्यकर्त्रियों द्वारा कम से कम एक सहजन के पौधे को जरुर रोपित किये जाने पर जोर दिया जा रहा है। डीपीओ ने कहा कि जनपद में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में जगह मिलने पर पोषण वाटिका अवश्य लगाई जाएगी, ताकि मिड डे मील के माध्यम से बच्चों को शुद्ध और पौष्टिक भोजन मिल सके। सहजन खाने से गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर होने के साथ ही नवजात शिशु भी कुपोषण से मुक्त होगे। नियमित रूप से सब्जी व फल भोजन में प्रयोग करने से शरीर स्वस्थ्य रहता है। वहीं रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। डीपीओ ने कहा कि जगह की कमी होने पर घर में प्लास्टिक के टूटे बर्तन में मिट्टी डालकर लौकी, तरोई, कद्दू, भिडी आदि उगा सकते हैं। यह सब्जियां कैमिकल से पूरी तरह मुक्त रहेंगी और इसमें भारी मात्रा में पोषक तत्व भी मिलेगा। इन सब्जियों के सेवन से बच्चों का शारीरिक विकास ठीक ढंग से होगा। उन्होंने अभिभावकों से घर के आंगन अथवा छत पर पोषण वाटिका बनाकर साग-सब्जियां उगाने की अपील की। डीपीओ ने कहा कि भोजन में पोषक तत्वों की कमी ही मुख्य रूप से कुपोषण का कारण है। कुपोषण से सुपोषण की ओर जाने के लिए पोषण वाटिका अत्यन्त जरूरी है। केन्द्रों पर सहजन के पौधों को लगवाने का मुख्य उद्देश्य गर्भवती व कुपोषित बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य पर बल देना है।
मनकापुर ब्लॉक के सीडीपीओ सुशील कुमार ने कहा कि घर में पोषण वाटिका लगाने से हरी सब्जियों पर होने वाले खर्च की बचत होगी। इसके अलावा नियमित रूप से हरी सब्जी व साग का सेवन करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होने पाएगी। सीडीपीओ ने कहा कि सभी को अपने घरों में सहजन, गिलोय और तुलसी का पौधा जरुर लगाना चाहिए। इन पौधों में सहजन का पौधा कुपोषण को दूर भगाने में अहम भूमिका निभाता है। इस दौरान झंझरी ब्लॉक के सीडीपीओ डीके गौतम, यूनिसेफ के मंडलीय पोषण विशेषज्ञ डॉ प्रफुल्ल, सुपरवाइजर सुनीता सिंह, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री अर्चना शुक्ला, रजनी सिंह, कस्तूरबा, सविता पाण्डेय, चन्द्रावती, कुसुम नंदिनी, मंजू व मालती सहित ब्लॉक की सभी आंगनबाड़ी कर्यकर्त्रियाँ व सहायिका मौजूद रहीं।