Gonda News:सोलह स्वास्थ्य उप केंद्रों पर मनाया गया किशोर स्वास्थ्य दिवस
मेंहदी, गायन, प्रश्नोत्तरी, चित्रकला व अंताक्षरी प्रतियोगिताओं का हुआ आयोजन
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटियाथोक व रुपईडीह के सोलह स्वास्थ्य उप केंद्रों पर गुरुवार को किशोर स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया। इसमें एएनएम व काउंसलर द्वारा किशोर-किशोरियों को उनकी समस्याओं से निजात संबंधी जानकारी दी गई। साथ ही सभी को कोरोना से बचाव के तरीकों के प्रति भी जागरूक किया गया।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह के उपकेन्द्र खरगुपुर इमिलिया अंतर्गत प्राथमिक विद्द्यालय नरायनपुर माफ़ी में किशोर स्वास्थ्य दिवस मनाया गया। इस दौरान किशोर व किशोरियों के मध्य रंगोली व मेहंदी प्रतियोगिता कराई गई। एएनएम संतोष कुमारी ने किशोर-किशोरियों के बीएमआई व हीमोग्लोबिन की जांच कर किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन व पोषण के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। किशोरियों को सैनिटरी नैपकिन का वितरण कर सभी को आयरन-फोलिक एसिड व अन्य जरूरी दवायें वितरित की गईं। इस मौके उन्होंने किशोरियों एवं उनके परवारिजनों को माहवारी और इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समय-समय जारी किये जाने वाले नियमों एवं दिशा-निर्देशों का सभी लोग निश्चित रूप से पालन करें। पौष्टिक आहार लें, संक्रामक बीमारियों से बचें। साथ ही शासन द्वारा संचालित योजनाओं को जान-समझ कर उसका लाभ भरपूर उठाएं।
किशोर-किशोरियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक रंजीत सिंह ने कहा कि किशोरावस्था (10-19 वर्ष) एक परिवर्तनशील, वृद्धि तथा विकास की एक महत्वपूर्ण अवस्था होती है। इस अवस्था में शारीरिक एवं मानसिक बदलाव बहुत तीव्रता से होते हैं। किशोर-किशोरी यौन, मानसिक तथा व्यवहारिक रूप से परिपक्व होने लगते हैं। उन्होंने बताया कि एक विवाहित अथवा अविवाहित, स्कूल जाने वाले तथा न जाने वाले, ग्रामीण या शहरी क्षेत्र के किशोर-किशोरियों की यौन विषय पर जानकारी भी अलग-अलग होती है, जो उनके जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। इसी को ध्यान में रखते हुए किशोर स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किया गया, जिससे किशोर-किशोरियों को सही खान-पान, संचारी व गैरसंचारी रोगों से बचाव, नशीले पदार्थो के सेवन सें होने वाली बीमारियां, युवावस्था में मानसिक अवसाद से मुक्ति, यौन शिक्षा एवं मौलिक अधिकारों के बारे समुचित जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहा कि आज के स्वस्थ किशोर ही कल के जिम्मेदार नागरिक हैं। इस अवसर पर ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर ऐंड चाइल्ड के जिला समन्वयक अखिलेश शुक्ला ने बताया कि किशोरावस्था में अनेक प्रकार के शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक बदलाव आते हैं, जिससे किशोर-किशोरियां अक्सर विभिन्न प्रकार की चिंताओ के शिकार हो जाते है और यह उनके विकास एवं संवर्धन को रोक देती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं इसके अंतर्गत संचालित अर्श क्लीनिक, पीयर एजूकेटर तथा मित्रता क्लब किशोर-किशोरियों को उनके स्वास्थ्य एवं परिवार विकास से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराता है। इसके साथ ही किशोरावस्था के दौरान रखी जाने वाली विशेष सावधानियों के बारे में जानकारी दी गयी कि इस अवस्था मे अपने आपको कैसे सुरक्षित रखा जाये तथा आपसी अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में भी किशोरियों को जानकारी देते हुए जागरुक किया गया। इस दौरान प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले किशोर-किशोरियों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर आशा कार्यकर्ता नीलम, सावित्री, नफीशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संध्या व मीना उपस्थित रहीं। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के एसीएमओ/नोडल अधिकारी डॉ मलिक आलमगीर का कहना है कि “किशोर स्वास्थ्य दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य किशोरावस्था के छह व्यापक मुद्दों यौन और प्रजनन स्वास्थ्य, मानसिक तथा भावनात्मक स्वास्थ्य, स्वस्थ जीवनशैली, हिंसामुक्त जीवन, बेहतर पोषण स्तर के साथ-साथ नशावृत्ति की रोकथाम के बारे में जानकारी देना है।
हमारे संवाददाता प्रदीप पाण्डेय के अनुसार, इटियाथोक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अधीक्षक डॉ. श्वेता त्रिपाठी ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य किशोर एवं किशोरियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि ब्लाक क्षेत्र में चयनित कुल आठ केंद्रों पर यह आयोजन हुवा जहां हर केंद्र पर प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार भी वितरित किये गए। उन्होंने बताया कि किशोरियों को साप्ताहिक आयरन की गोली का सेवन करने और उसके लाभ संबंधित एएनएम ने बताये साथ ही अनीमिया के संदेश की बुकलेट भी वितरित की गई। अधीक्षक ने बताया कि इटियाथोक ब्लाक क्षेत्र अंतर्गत नरौरा भर्रापुर, अयाह, सेखुई, पारासराय, सिसई बहलोलपुर, रमवापुर नायक, विशुनपुर संगम व पूरेहाड़ा केंद्रों पर यह आयोजन हुए। निरीक्षण में जगह जगह ब्लाक व जिले के मॉनिटर व अधिकारी मौजूद रहे। केंद्रों पर उपस्थित संबंधित एएनएम ने किशोरावस्था में हो रहे मानसिक एवं शारीरिक बदलाव के बारे में बताया। इस दौरान संबंधित आशा एंव आंगनबाड़ी सहयोग में जगह जगह उपस्थित रहीं।