Gonda News:परियोजना अधिकारी बनकर आसरा आवास बांटने वाला जालसाज धरा गया
लाभार्थी परिवारों से वसूले 40 से 70 हजार की धनराशि, स्थलीय सत्यापन के दौरान हुआ खुलासा
कब्जा कर रह रहे परिवारों को आवास खाली करने की नोटिस, केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। करोड़ो रुपए की लागत से आसरा आवास बनवाने के बाद जिम्मेदार सो गए। नकली परियोजना अधिकारी ने पैसे लेकर लोगों को इन खाली पड़े आवासों को न केवल आबंटित कर दिया, बल्कि कब्जा दिला दिया और लोग रहने लगे। महीनों बाद जब इनके आबंटन के लिए आवासों का स्थलीय सत्यापन शुरू किया गया तो पता चला कि वहां तो लोग पहले से आबाद हैं। सच्चाई सामने आने के बाद ठगे गए लोगों ने जालसाज को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
विवरण के अनुसार, कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के सिविल लाइंस इलाके में शहरी गरीब परिवारों के लिए वर्ष 2015 में आसरा आवास का निर्माण किया गया था। निर्माण के बाद ही आवेदन करने वाले परिवारों की पात्रता की जांच कर उन्हे आवास का आवंटन कर दिया जाना था। लेकिन इसका आवंटन राजनैतिक पचड़े में फंस गया और चयनित लाभार्थी इंतजार करते रहे। अपने चहेतों को आवास आवंटन कराने की राजनेताओं की रस्साकसी ने इस योजना पर ग्रहण लगा दिया और 188 आसरा आवास खाली रह गए। आवास को खाली पड़ी देख एक जालसाज की नजर इन पर पड़ गई और उसने नकली परियोजना अधिकारी बनकर इनका आवंटन शुरू कर दिया। जालसाज ने प्रति लाभार्थी परिवारों से आवास के बदले 40 से लेकर 70 हजार रुपये तक की वसूली की। उसने बाकायदा लोगों को न केवल जिलाधिकारी डा. नितिन बंसल, तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी आशीष कुमार व वर्तमान परियोजना अधिकारी विनोद कुमार सिंह के नकली हस्ताक्षर युक्त आवंटन पत्र दिया, बल्कि लाभार्थियों को आवास पर कब्जा भी दिला दिया। जिला प्रशासन के नाक के नीचे यह खेल चलता रहा और महीनों किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी।
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खाली पड़े आवासों का आवंटन प्रक्रिया फिर से शुरू किए जाने को लेकर बुधवार को जब परियोजना अधिकारी विनोद कुमार सिंह इनका स्थलीय सत्यापन करने मौके पर पहुंचे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। खाली पड़े आवासों में दर्जनों परिवार रहते पाए गए। जब उनसे आवंटन पत्र मांगा गया तो इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। लाभार्थी प्रिया श्रीवास्तव ने बताया कि खुद को परियोजना अधिकारी विनोद कुमार सिंह बताकर जालसाज ने उनसे पैसे लिए और आवास का आवंटन कर दिया। फिलहाल ठगी का शिकार हुए लोगों ने जालसाज को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया है। परियोजना अधिकारी ने इस मामले में जालसाज के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। प्रभारी निरीक्षक आलोक राव ने बताया कि प्रकरण में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्त को जेल भेज दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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