Gonda News:धान खरीद में गड़बड़ी करने वाले नपेंगे, गैंगस्टर एक्ट के तहत होगी FIR
लघु व सीमान्त किसानों से धान खरीद करने वाले केन्द्र प्रभारी होगें पुरस्कृत : आयुक्त
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। मण्डल में धान खरीद में गड़बड़ी करने वाले आयुक्त एसवीएस रंगाराव के निशाने पर आ गए हैं। सोमवार को मण्डल की धान खरीद की समीक्षा करते हुए आयुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियां को निर्देशित किया है कि वे फर्जी किसानों से खरीद दिखाने वाले तथा कमीशनबाजी करने वाले धान क्रय केन्द्रों के केन्द्र प्रभारियों, साधन सहकारी समिति के अध्यक्षों, कोआपरेटिव के अधिकारी, क्रय एजेन्सी के अधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित सहकारी कर्मियों के विरूद्ध धारा 420 व गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी जिम्मेदारी तय करते हुए एफआईआर दर्ज कराएं। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि धान खरीद से सम्बन्धित लोगों तक यह संदेश पहुंचा दिया जाय अन्यथा धान खरीद में गड़बड़ी मिलने सभी जिम्मेदार अधिकारी बड़ी कार्यवाही के लिए तैयार रहें।
आयुक्त ने कहा कि आगामी 10 नवम्बर तक समीक्षा कर यह सुनिश्चित कर लिया जाय किन केन्द्रों द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष कम खरीद की गई है। लक्ष्य से कम खरीद करने वाले क्रय केन्द्रों को बन्द करने की कार्यवाही की जाय तथा दोषी के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जाय। उन्होंने कहा कि धान विक्रय करने वाले किसानों के खातों में पीएफएमएस के माध्यम से 24 घन्टे के अन्दर पैसा चला जाय। विगत दिनों धान क्रय केन्द्रों के अपने निरीक्षण में पाई गई कमियों का उल्लेख करते हुए आयुक्त ने कहा कि भविष्य में मण्डल के किसी भी क्रय केन्द्र पर कोई कमियां नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि धान की ऑन लाइन पर्ची व अन्य अभिलेखों में सभी केन्द्रों पर एकरूपता होनी चाहिए। इसके लिए अभिलेख छपवाकर भी इसे सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि अभिलेखों में क्रय किए धान, उसके सापेक्ष मौजूदा स्टॉक, राइस मिल को भेजा गया धान स्टॉक तथा राइस मिल से एफसीआई को भेजे गए चावल के स्टॉक आदि का प्रत्येक स्तर पर ठीक प्रकार से अभिलेखीकरण होना चाहिए।
आयुक्त ने यह भी निर्देश दिए कि लक्ष्य के सापेक्ष हुई खरीद, मिलर्स को धान की डिलीवरी, केन्द्र पर अवशेष धान, किसानो को देय भुगतान, किसानों को किये गए भुगतान, किसानों का अवशेष भुगतान आदि का पूरी तरह अभिलेखीकरण हो और लाभान्वित किसानों की संख्या अधिकाधिक हो। उन्होंने स्पष्ट किया है कि केवल कुछ बड़े किसानों का धान क्रय करके मात्र लक्ष्य पूर्ति नहीं करनी है, बल्कि लघु व सीमान्त कृषकों को भी न्यनूतम समर्थन मूल्य योजना का लाभ दिलाया जाना है। उन्होंने इसके लिए सभी केन्द्र प्रभारियों को स्पष्ट आदेश दिए जाने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में आयुक्त ने कहा है कि ऐसे केन्द्र प्रभारी जिनके द्वारा सबसे अधिक लघु व सीमान्त कृषकों का धान खरीदा जाएगा, उन्हें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया जाएगा। आयुक्त आरएफसी को निर्देशित किया है कि मण्डल के जनपदों के क्रय केन्द्रों की केन्द्रवार रिपोर्ट तैयार करा लें कि केन्द्रवार कितनी मात्रा में कितने किसानों से धान खरीद की गई है। बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन कमलेश कुमार सिंह, आरएफसी दिनेश शर्मा, एफसीआई के क्षेत्रीय प्रबन्धक, उपनिदेशक मण्डी तथा क्रय एजेन्सियों के अधिकारी तथा अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।