Gonda News:तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाकर युवा बनें चैम्पियन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की निर्देशिका

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का प्रसार धीरे-धीरे कम हो रहा है। इससे ठीक होने वाले व्यक्तियों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। इन सबके बीच कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों के साथ समाज में भेदभाव और तिरस्कार भी किया जा रहा है। कोविड-19 के दौर में लोगों में फैले तिरस्कार व भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से युवाओं की मदद ली जाएगी। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक निर्देशिका जारी की है, जिसके अनुसार युवाओं को सामाजिक भेदभाव तिरस्कार के खिलाफ खड़ा किया जाएगा। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवराज चौधरी का।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के संदर्भ में तिरस्कार का मतलब होता है कि आपकी बीमारी के चलते कोई व्यक्ति समुदाय आपको नकारात्मक तरीके से देखता है। महामारी के दौर में इसका मतलब यह होता है कि किसी एक बीमारी से जुड़े लोगों को चिन्हित कर उनके साथ भेदभाव या अलग व्यवहार किया जाए। उनकी सामाजिक स्थिति और छवि को नुकसान पहुंचाया जाए। इस तरह का व्यवहार उन लोगों को जो खुद बीमारी से जूझ रहे हों या उनकी देखभाल करने वाले परिवार, सदस्य, दोस्तों और समुदाय के लोगों को प्रभावित कर सकता है।

एडवोकेसी के माध्यम से सोच में आएगा बदलावः

एडवोकेसी का मतलब है किसी मुद्दे को पहचानना और बदलाव की ओर काम करना। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि एडवोकेसी के जरिए हम समाज के कमजोर वर्ग की आवाज उठाने में मदद करते हैं। क्योंकि जिन विचारों और परंपराओं में हम बदलाव लाना चाहते हैं, उनका असर इन्हीं वर्गों पर सबसे ज्यादा होता है। एडवोकेसी इसी सामुहिक आवाज का प्रयोग अधिकारों के बचाव और सुरक्षा के लिए करती है, साथ ही अलग-अलग कार्यों और नई शुरुआत में समर्थन करती है। कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विश्व स्वास्थ संगठन, यूनिसेफ दस्तावेजों को ही फॉलो करें। जारी निर्देशिका में बताया गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट या ट्विटर हैंडल से सोशल मीडिया संदेशों और ग्राफिक्स को अपने फेसबुक, व्हाट्सएप, स्नैपचैट इंस्टाग्राम या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा करें। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप के सभी दोस्तों के पास सही व विश्वसनीय जानकारी है। उचित दूरी बनाकर रखते हुए कोरोना वारियर्स के साथ खींची गई अपनी सेल्फी को सोशल मीडिया पर साझा करें। अपने कोरोना योद्धा को वीडियो कॉल करें और स्क्रीनशॉट ले या उचित दूरी रखते हुए तस्वीर लें। कोविड-19 युवा चैंपियन बिंगो नाम का गेम खेल सकते हैं और अपने दोस्तों और साथियों को खेलने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर लाइव होकर, लोगों के साथ मिलकर तिरस्कार और भेदभाव का सामना करने से जुड़ी जानकारी को शेयर कर सकते हैं।

मिथकों को उजागर करने वाली पोस्ट शेयर करें :

जारी निर्देशिका में बताया गया है कि कोविड-19 से संबंधित सही जानकारी देने वाली और मिथकों को उजागर करने वाली पोस्ट साझा करें। भ्रामक जानकारी न फैलाएं। इससे समाज में तिरस्कार और भेदभाव को रोकने में सहायता होगी। इस तरह के पोस्ट का प्रिंट लेकर आप उन्हें अपने आसपास चिपका सकते हैं। इसकी तस्वीरें हमारे साथ सोशल मीडिया पर शेयर करें। तिरस्कार का क्या मतलब है, और यह समाज और लोगों के लिए कितना हानिकारक है । इससे जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया पर साझा करें। लोगों को भेदभाव के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करें। अपनी बात कहने के लिए कोई लेख लिखे या चित्रकाला या कविताओं के माध्यम से खुद को व्यक्त करें। इनके जरिए दूसरों तक यह बात पहुंचाय कि कोविड-19 से जुड़े भेदभाव का मुकाबला करना हमारे लिए क्यों जरूरी है और इस महामारी के दौर में हमें भेदभाव को रोकना चाहिए। सोशल मीडिया पर लाइव जुलकर लोगों को बताएं कि वे अपने समुदाय में कोविड-19 से जुड़े भेदभाव का सामना कर कैसे युवा चैंपियन बन सकते हैं। इससे पहले कि आप दूसरों के साथ जानकारी साझा करें, इस बात को सुनिश्चित करें कि आपके पास सही और सटीक जानकारी हो।

कोरोना योद्धाओं का इंटरव्यू करें :

समय निकालकर अपने आसपास में मौजूद कोरोना योद्धाओं और आवश्यक कर्मचारियों जैसे नर्स, डॉक्टर, आशा दीदी, सब्जी व दूध बेचने वाले और कचरा उठाने वाले सफाई कर्मी हो, बस चालको, समान की डिलीवरी करने वालों से बात करें उनका साक्षात्कार करें और उनसे जाने की कौन सी बात उन्हें प्रेरित करती है और समाज से उन्हें किस तरह का सहयोग चाहिए। सोशल मीडिया पर इस एक वीडियो या लेख के रूप में शेयर करें और सकारात्मकता फैलाएं। जारी निर्देशिका में यह बताया गया है कि आप पहले से ही एक समुदाय का हिस्सा हो सकते हैं यदि हां तो आप यह समझने की दिशा में काम कर सकते हैं कि इस समय समुदाय के लोग कैसा महसूस कर रहे हैं उन की क्या जरूरत है और अपेक्षाएं हैं आप समुदाय के व्हाट्सएप ग्रुप फेसबुक पेज संदेश वोडाफोन कॉल के जरिए लोगों से परामर्श कर उनकी चिंताओं और जरूरतों की सूची तैयार कर सकते हैं आप अपने सारे कार्यों का विवरण इन समुदायिक ग्रुप पर शेयर कर सकते हैं और अपने समाज को टूगेदर अगेंस्ट कोविड 19 का सामना करने के लिए तैयार कर सकते हैं।

गलत जानकारी फैलाने वालों को रोकेः

महामारी के दौर में ज्यादातर लोग परेशान और बड़े हुए हैं और इस मुश्किल समय में लोग कई बार गलत और गैर-तथ्यात्मक जानकारी साझा कर जाते हैं। अक्सर लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि सही जानकारी कहां से मिल सकती है। जारी निर्देशिका में यह बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति या आपका दोस्त गलत जानकारी फैला रहा है तो उनसे मिलकर या फिर इनबॉक्स में मैसेज कर उनसे संपर्क कर सही तथ्यों को बताएं। याद रखें आपका उद्देश्य उन्हें नीचा दिखाना नहीं बल्कि उनकी सोच बदलना है। उन्हें बताएं कि जो बातें या सुझाव उन्होंने शेयर किया है उसका स्रोत विश्वसनीय नहीं है। उन्हें किसी विश्वसनीय स्रोत के बारे में जानकारी दें। जहां से वह सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

अगर कोई भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है तो क्या करेंः

जारी निर्देशिका में यह बताया गया है कि अगर कोई भेदभाव को बढ़ावा दे रहा है तो उन्हें यह बताएं कि वायरस किसी को भी प्रभावित कर सकता है और इसका किसी खास समूह के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। उन्हें तथ्य उपलब्ध कराएं और शांत तरीके से बताया कि अलग-अलग लोग किस तरह प्रभावित है। उन्हें बताएं कि किसी एक समूह या वर्ग को अलग कर या उन्हें वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराने के गंभीर नतीजे हो सकते हैं। इससे हिंसा बढ़ सकती है और इससे लोग जरूरत होने पर भी इलाज के लिए सामने नहीं आएंगे। जिससे बीमारी और बढ़ सकती है। इस समय एक दूसरे का साथ देना और सभी का सहयोग करना एक दूसरे के प्रति दया और करुणा का भाव जरूरी है। भले ही हम डरे हुए हो। खुद को संयमित रखें भले ही आप निराश हो या गुस्से में हो।

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