Gonda News:जिले भर में व्यापक स्तर पर मनाया गया ‘ग्लोबल हैंड वाशिंग डे’
हाथ धोने से कई गंभीर बीमारियों से होता है बचाव : डॉ देवराज
जानकी शरण द्विवेदी
गोण्डा। कोविड का खतरा अभी टला नहीं है। इससे बचने का सही तरीका मास्क लगाना और बार-बार हैंड वाश या साबुन-पानी से हाथों की धुलाई करना है। हाथों की धुलाई न केवल कोविड-19 संक्रमण बल्कि कई अन्य संक्रामक रोगों जैसे सर्दी, जुकाम, उल्टी, दस्त, पेट की बीमारियां, गले का इंफेक्शन, सांस का इंफेक्शन आदि भी से हमें बचाता है। यह सन्देश आमजन तक पहुंचाने के लिए गुरुवार को जिले में व्यापक स्तर पर सभी के लिए स्वच्छ हाथ की थीम पर ‘ग्लोबल हैंड वाशिंग डे’ मनाया गया।
इस मौके पर जिलाधिकारी कार्यालय, विकास भवन एवं सीएमओ कार्यालय समेत सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, सामुदायिक भवनों, पंचायत भवनों आदि स्थानों पर हाथों की धुलाई से संबंधित गतिविधियां आयोजित की गयीं। इस दौरान लोगों के समूह में मास्क के उपयोग के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सुबह 10 से 12 बजे के मध्य साबुन के साथ हाथ धुलने की प्रक्रिया का प्रदर्शन कर लोगों को जागरुक किया गया। इसके अलावा दस्तक अभियान के अंतर्गत एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी, स्कूल शिक्षक/बच्चे एवं स्वयं सहायता समूह के सदस्यों में दस-दस घरों का समूह बनाकर सामूहिक रूप से हाथ धुलाई का प्रदर्शन कर समुदाय स्तर पर लोगों को जागरुक किया गया। उधर कुछ कालेजों जैसे एससीपीएम मेडिकल कॉलेज, अवध नर्सिंग कॉलेज आदि में भी विश्व हाथ धुलाई दिवस पर कार्यक्रम हुए। कुछ जगह वर्चुअल बैठक कर हाथ धोने का तरीका बताया गया।
एसीएमओ डॉ देवराज चौधरी ने बताया कि हर साल 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सामान्य आंखों से दिखाई नहीं देने वाली गंदगी हाथों में छिपी होती है। हाथों का इस्तेमाल हम किसी भी वस्तु को छूने, उसका इस्तेमाल करने और कई तरह के रोज़मर्रा के कामों का सम्पादन करने में करते हैं। बिना हाथ धोये किसी खाद्य सामग्री का सेवन करने से हाथों में लगी गंदगी हमारे शरीर में चली जाती है, जो कई बीमारियों का कारण बन जाती है। साबुन से हाथ धोना बीमारियों से बचाव और जीवन की सुरक्षा के लिए एक आसान, प्रभावी और बेहतर तरीका है। इस वर्ष की थीम “सभी के लिए स्वच्छ हाथ’ पर केंद्रित है। हाथों की साफई रखने से संक्रमण से होने वाली बीमारियों से भी काफी हद तक बचा जा सकता है। ज्ञात रहे कि प्रथम ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे वर्ष 2008 में मनाया गया, जिसमें विश्व भर के 70 से अधिक देशों के 120 मिलियन से अधिक बच्चों ने साबुन से हाथ धोएं थे।
महिला एवं बाल विकास विभाग के ज़िला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार ने बताया ज़िले के 17 बाल विकास परियोजनाओं के 110 सेक्टरों में संचालित 3095 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 2856 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं 2572 आंगनबाड़ी सहायिकाओं द्वारा डिजिटल माध्यम के साथ ही गृह-भ्रमण कर हाथों की सफाई रखने और गंदे हाथों से होने वाली संक्रमित बीमारियों से बचाव के प्रति लोगों को जागरुक किया गया। ज़िला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ समीर गुप्ता कहते हैं कि हाथ धोना भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। साथ ही हाथ धोना स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी है। कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी से बचने और अन्य संक्रमण से बचने के लिये नियमित रूप से हर व्यक्ति को स्वास्थ्य की छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखना चाहिए। दिन में कई चीजों को छूते हैं, जिससे कीटाणु हाथ में रह जाते हैं। हाथ धोने के लिए हर बार साबुन का प्रयोग करें। विशेषकर बच्चों को खेल के उपरांत, स्कूल से आने के बाद, शौच के बाद, किसी संक्रामित रोगी के सम्पर्क में आने या हाथ मिलाने के बाद बिना हाथ धोये कोई भी वस्तु न खाएं। खाने से पूर्व हाथ साबुन से धोने की आदत डालना चाहिए। हाथ धोने का सही तरीका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव देता है। हाथ धोने का भी एक विशेष तरीका है। हाथ कम से कम 20 सेकंड तक अवश्य धोएं। हाथ पानी से गीला करें। साबुन लगाकर 20 सेकंड तक हाथों को एक-दूसरे पर रगड़ें। इस प्रक्रिया में हाथ के साथ हथेली, पीछे का हिस्सा, उंगलियां और नाखून के आस-पास अच्छे से रगड़ें, उसके बाद पानी से हाथ धोएं और स्वच्छ कपड़े से हाथ पोछें। हाथ पोछने के लिए रुमाल या तौलिए का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि खाना-खाने से पूर्व और उपरांत, नवजात को छूने से पूर्व, शौच के उपरांत साबुन से, खांसने, छींकने, या नाक साफ़ करने, जानवर और कचरे को छूने के उपरांत ज़ख्म के उपचार से पहले और बाद में हाथ धोना बहुत जरूरी है। हाथ न धोने की आदत से हमें कई गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं। खासकर बच्चों को, जिनमें सर्दी-जुकाम, उल्टी-दस्त, पेट की बीमारियां, गले का इंफेक्शन, सांस का इंफेक्शन, हेपेटाइटिस, आंखों का इंफेक्शन, पीलिया, निमोनिया आदि से परेशानी होती है।
योग कक्षा में सिखाया गया हाथ धोना
योगपीठ हरिद्वार के तत्वधान में योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी के मार्गदर्शन में चल रहे नियमित योग कक्षा सिसई बहलोलपुर में विश्व हैंड वाशिंग-डे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों को साबुन से हाथ धुलाकर स्वच्छता से रहने का संकल्प दिलाया गया। बच्चों को साबुन से हाथ धुलाकर स्वच्छता से रहने का संकल्प दिलाया गया। हाथ धोएंगे तो बीमारियों से दूर रहेंगे। लोगों को हाथ धोने के फायदों के प्रति जागरूक करने के मकसद से ’ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे’ की शुरुआत 2008 में की गई अगर आप अपने हाथों को साफ रखेंगे तो आप ’तंदुरुस्त’ रहेंगे। खाना खाने से पहले, खाना खाने के बाद और किसी को खाना खिलाने से पहले हाथ जरूर वॉश करें। तभी आप और आपका परिवार बीमारियों से महफूज रह सकता है। कोरोनाकाल में हाथ धोने की अहमियत और ज्यादा बढ़ गई है। डॉक्टर और विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि आप को तंदुरुस्त रहना है, तो बार-बार हाथ धोएं। आप जानते हैं कि ’हैंड वॉश’ करके श्वसन और आंतों के रोगों को 25-50 फीसदी तक कम किया जा सकता है। योग शिक्षक आदर्श गुप्ता ने बताया की बेहतर स्वास्थ्य पाने का आसान तरीका साफ हाथ हैं। हाथ में ही लंबे जीवन की रेखा है। अधिकतर कीटाणु हाथों के रास्ते शरीर में दाखिल होते हैं। सही समय पर साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं तो डायरिया, कालरा, हैजा, सर्दी-जुकाम, पेट रोग आदि से बचा जा सकता है। खाने के पहले और शौच के बाद जरूर हाथ धोएं। छोटे बच्चों को छूने और खाना खिलाने से पहले बच्चों को मल साफ करने के बाद, बीमार से मिलने के पहले व बाद, कूड़ा-करकट साफ करने के बाद, छींकने व खांसने के बाद जरूर हाथ धोएं। हाथ और कलाई को अच्छी तरह गीला करके साबुन लगाएं। कम से कम 30 सेकेंड तक हथेलियों और उंगलियों को रगड़ें। योग शिक्षक ने हाथ की गंदगी से होने वाली बीमारियों से आगाह किया।
योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने बताया कि बाल मृत्यु दर, सांस से संबंधित बीमारियां और डायरिया पर कंट्रोल करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई थी। साबुन से हाथ वॉश करना एक आसान काम है, जिसके जरिए सांस से संबंधित रोगों से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा 25 फीसद तक कम किया जा सकता है। जबकि डायरिया से होने वाली मौत में 50 फीसद तक की कटौती की जा सकती है। मीडिया प्रभारी चंदन तिवारी ने कहा कि हाथ धोना एक अच्छी आदत है। इसकी बदौलत हम कई बीमारियों जैसे कोरोना वायरस, डायरिया और निमोनिया आदि से महफूज रह सकते हैं। अगर आप भी ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे पर अपना योगदान देना चाहते हैं तो लोगों के सामने हाथ धोने के फायदे को बताएं और उन्हें हाथ धोने के लिए प्रेरित करें। इस अवसर पर माही गुप्ता, सूरज गुप्ता, अनामिका गुप्ता, आस्था श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव, मनीष, प्रतीक व आशीष गुप्ता मौजूद रहे।
एनजीएम कालेज में मनाया गया हैण्डवाश डे
सरस्वती देवी नारी ज्ञानस्थली महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के अन्तर्गत विश्व हैण्ड वॉश दिवस मनाया गया, जिसमें छात्राओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। छात्राओं ने अपने आपपास के लोगों को कोरोना से निजात दिलाने तथा हाथ धुलने के लिए प्रेरित करने हेतु संकल्प लिया। छात्राओं ने लोगों को बताया कि हैण्डवॉश से हम कोरोना वायरस से कैसे सुरक्षित रह सकते हैं। एनएसएस की कार्यक्रमाधिकारी डा. नीलम छाबड़ा ने बताया कि हैण्ड वॉश एवं साबुन से हाथ धुलने से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचा जा सकता है और अपने आप को स्वस्थ रखा जा सकता है। इस कार्यक्रम में रुचि, श्रेया, काजल, कुमकुम मिश्रा, शिवानी मिश्रा, प्रिया शुक्ला, नन्दनी, मोना आदि छात्राओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर पूर्व कार्यक्रमाधिकारी श्रीमती रंजना बन्धु उपस्थित रहीं।
शास्त्री डिग्री कॉलेज में हुआ वेबिनार
श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज में भी वेबिनार के माध्यम से हैण्डवाश डे मनाया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना की चारों इकाइयों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित वेबिनार में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कालेज की प्राचार्या डॉ वंदना सारस्वत ने कहा कि संक्रामक रोगों से बचाव करने के लिए हमें स्वच्छता एवं साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके लिए हमें अपनी हथेलियों को सही तरीके से साफ करना सीखना होगा। नोडल अधिकारी डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूरे जनपद में हमारे स्वयंसेवी छात्र छात्राएं आसपास में रहने वाले लोगों को हाथ धुलने की सही विधि सिखा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हमारी हथेलियों पर असंख्य रोग जनक सूक्ष्मजीवी पाए जाते हैं, जिन्हें हाथ धुल कर ही निष्क्रिय व दूर किया जा सकता है। वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिव शरण शुक्ला ने विश्व हाथ धुलाई दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा शर्मा ने हाथ धुलने के सही तरीके पर प्रकाश डाला और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जन्म दिवस पर उनके जीवन की प्रेरणादायक घटनाओं की चर्चा की। वेबिनार का संचालन एनएसएस की स्वयंसेवी छात्रा श्रद्धा सिंह ने किया। डॉ रेखा शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर आन लाइन पोस्टर, स्लोगन और लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जा रहा है। श्रद्धा सिंह ने कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया।